असम में पुलिस ने 1983 में दरांग जिले में आठ लोगों की मौत पर कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के आरोप में कांग्रेस के एक मुस्लिम विधायक को गिरफ्तार किया है। शर्मन अली अहमद की टिप्पणी असम पुलिस द्वारा दो मुसलमानों की हत्या के एक हफ्ते बाद आई है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अहमद को दिसपुर में विधायक आवास से उठाया गया और पूछताछ के लिए पानबाजार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। उनपर बेदखली अभियान को लेकर भड़काऊ बयान देने का आरोप है।
अहमद ने भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ पदाधिकारियों के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कथित ‘सांप्रदायिक’ टिप्पणी की थी कि दारांग जिले में कथित अतिक्रमणकारियों ने छह साल के लंबे असम आंदोलन के दौरान 1983 में आठ लोगों की “हत्या” की थी। . कथित तौर पर विधायक ने 1983 के आंदोलन के दौरान मारे गए आठ लोगों को ‘शहीद’ कहने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कथित तौर पर असमिया समाज में आंदोलन के शहीदों के रूप में देखे जाने वाले आठ लोगों को “हत्यारा” कहा था, जो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार थे।
शर्मन अली अहमद की गिरफ्तारी कांग्रेस द्वारा उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के एक दिन बाद सामने आई है। अहमद के विवादित बयानों से नाराज उनकी पार्टी कांग्रेस ने कारण बताओ नोटिस के जरिए उनकी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण मांगा था। कांग्रेस ने अहमद के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए कहा था कि विधायक ने राज्य में उपचुनाव से पहले “पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के इरादे से” बयान जारी किया। इसमें यह भी कहा गया है कि उनके द्वारा दिए गए “असंवेदनशील” बयानों में राज्य के सामाजिक सद्भाव को नष्ट करने की “महान प्रवृत्ति” है।
गौरतलब है कि, 20 सितंबर को दरांग जिले के अधिकारियों ने सिपाझार से लगभग 9 किलोमीटर दूर धौलपुर में चार स्थानों पर बेदखली अभियान शुरू किया था। जिसमें पुलिस की गोलीबारी के दौरान कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल भी हुए हैं।