उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में शनिवार (20 जनवरी) को काले कपड़ें पहने लोगों को अंदर नहीं जाने देने का मामला सामने आया है। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि, विरोध-प्रदर्शन की अाशंका के चलते यह निर्णय लिया गया।
हालांकि, चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यक्रम में काले कपड़े पहने पत्रकारों को भी जाने से रोक दिया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामले में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ऐसा किया गया। लेकिन वह पत्रकारों को भी कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाने देने के सवाल पर चुप रहे।
दरअसल, शनिवार (20 जनवरी) को अमित शाह और योगी आदित्य नाथ वाराणसी में ‘युवा उद्घोष’ कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। कार्यक्रम में काले कपड़े पहनकर जाने पर रोक लगा दी थी और इसी वजह से काले कपड़े पहने पत्रकारों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।
देखिए वीडियो :
योगी और अमित शाह के वाराणसी के युवा उदघोष कार्यक्रम में काला कपड़ा पहनकर जाने पर लगी रोक. पत्रकारो को भी काले जैकेट की वजह से एंट्री के लिए जूझना पड़ा..#ReporterDiary @abhishek6164 pic.twitter.com/rQFpCj7XNA
— आज तक (@aajtak) January 20, 2018
जनसत्ता.कॉम की ख़बर के मुताबिक, कार्यक्रम से पहले ही शांति भंग की आशंका के चलते महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के करीब 30 छात्रों को हिरासत में लिया गया। इन छात्रों को कैंट थाने में रखा गया।
इस कार्यक्रम में अमित शाह के साथ अदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राज्यमंत्री अनुपमा जयसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल, यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर और नीलकण्ठ तिवारी भी मौजूद थे।
बता दें कि, इससे पहले यूपी के बलिया जिले के रैली ग्राउंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में पुलिस ने सरेआम एक मुस्लिम महिला का जबरन ‘काला बुर्का’ उतरवा कर जब्त कर लिया था। इस घटना को मुस्लिम उलेमाओं ने गैर-कानूनी व महिला का अपमान बताया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
बता दें कि, इससे पहले जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार(26 अक्टूबर) को जब आगरा पहुंचे थे तब सीएम योगी के आगरा दौरे से पहले कच्छ्पुरा गांव में जिला प्रशासन की हिटलरशाही देखने को मिली थी।
जिलाधिकारी ने सीएम योगी के दौरे से पहले इस गांव के लोगों को उनके ही घरों में सुबह 6 बजे से कैद कर दिया है। जिसमें बूढ़े और बच्चे शामिल हैं। इस दौरान जिला प्रशासन ने बच्चों की फरियाद तक नहीं सुनीं थी।