केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में जारी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट अब 20 नवंबर को अगली सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (16 नवंबर) को सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर सुनवाई की। आलोक वर्मा को लेकर सीवीसी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा है। वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने आलोक वर्मा को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए कहा है।
आपको बता दें कि आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने लगाए हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट के कुछ भाग वर्मा के लिए सम्मानजनक हैं, लेकिन कुछ भाग में ऐसा नहीं है। पीठ ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिसकी जांच की जानी जरूरी है।
प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट वरिष्ठ वकील फली नरीमन को सीलबंद लिफाफे में दिया जाए और मामले की अगली सुनवाई के दिन 20 नवंबर से पहले इसका जवाब सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए। आलोक वर्मा की तरफ से पेश नरीमन ने कहा कि वे जल्द से जल्द रिपोर्ट का जवाब अदालत में पेश करना चाहेंगे। नरीमन ने संकेत दिया कि वे सोमवार को रिपोर्ट का जवाब दे सकते हैं।
…जब CJI रंजन गोगोई ने कसा तंज
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक मजेदार वाकया हुआ। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने इसे सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा के केस की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल खड़े हुए और उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर भी सुनवाई होनी चाहिए।
अंग्रेजी अखबार द हिंदू के पत्रकार के मुताबिक, इस दौरान कोर्ट में अजीबोगरीब स्थिति हो गई जब सीजेआई रंजन गोगोई याचिकाकर्ता खड़गे को पहचान ही नहीं पाए। CJI रंजन गोगोई ने कपिल सिब्बस से पूछा- आप कौन? इस पर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया- मल्लिकार्जुन खडगे। इस पर फिर सीजेआई चुटकी लेते हुए बोले- अच्छा… विपक्ष के नेता… एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के नेता… हम तो आपको भूल ही गए थे।
Kapil Sibal for Mallikarjun Kharge, who had filed a petition in the #AlokVerma removal case, says the court should hear him
CJI: Who are you?
Sibal: Mr. Kharge
CJI: Oh! the Leader of Opposition or the single largest party… we had forgot about you#CBI
— Krishnadas Rajagopal (@kdrajagopal) November 16, 2018
इसके अलावा इस गंभीर मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कुछ ऐसे तंज कसे जिससे कोर्ट का माहौल खुशनुमा हो गया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के डीएसपी ए.के बस्सी के वकील राजीव धवन ने कहा कि वह बहस करना चाहते हैं। इस पर सीजेआई गोगोई ने तंज करते हुए कहा, ‘तो आप उनमें से हैं, जिनका पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है। यह एक अच्छी जगह है।’ आपको बता दें कि पिछले दिनों डीएसपी ए. के. बस्सी का ‘‘जनहित’’ में तबादला कर ‘‘तत्काल प्रभाव’’ से पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया था।
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उनके पास जांच रिपोर्ट की कोई कॉपी नहीं है। जिस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने पूछा- “आप कौन?” तब मेहता ने सीजेआई को बताया कि वो सीवीसी की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे हैं। फिर तंज कसते हुए सीजेआई बोले- “वो… यानी आप ही इस रिपोर्ट के रचनाकार हैं और आप के ही पास यह रिपोर्ट नहीं है।’ यह सुनते ही कोर्ट में मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट पर वर्मा के जवाब देने के बाद ही कोर्ट अपने आगे का फैसला सुनाएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। कोर्ट ने आलोक वर्मा को अगली सुनवाई तक सभी सवालों के जवाब सीलबंद लिफाफे में देने को कहा है। आलोक वर्मा से जवाब मिलने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आलोक वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक के पर्यवेक्षण में दो हफ्ते के भीतर सीवीसी जांच का आदेश दिया गया था। जिसके बाद 12 नवंबर को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी है।