छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ व्यवहार को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ व्यवहार को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि प्रदर्शन स्थलों के निकट कई स्तरों के अवरोधक लगाना और कीले ठोंकना ‘डाकुओं’ की उन पुरानी तरकीबों की तरह है जो वे डाका डालते समय गांवों के रास्तों को अवरुद्ध करने के लिए अपनाते थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने कई विदेशी हस्तियों की टिप्पणियों पर आधिकारिक बयान जारी कर किसानों के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किया है।

भूपेश बघेल
फाइल फोटो: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि अगर उसने किसानों के मुद्दों का समाधान नहीं किया तो मौजदा आंदोलन पूरे देश में फैल जाएगा। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) को दिए साक्षात्कार में कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग कर रहे हैं और ये उन्हें दी जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘जब ये कानून बनाए गए तब राहुल गांधी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और संसद के भीतर भी उठाया। उन्होंने पंजाब और हरियाणा में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। उन्होंने रास्ता दिखाया और फिर किसान उस रास्ते पर आगे बढ़े।’’

उनके मुताबिक, किसान गैर-राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं जो अच्छी बात है, लेकिन राहुल गांधी की ओर से पहल की गई। बघेल ने कहा कि विपक्ष ने संसद के अंदर और बाहर इन कानूनों का पुरजोर विरोध किया और यह कहना पूरी तरह गलत है कि विपक्ष ने कोई आवाज नहीं उठाई। दिल्ली की सीमाओं के निकट प्रदर्शन स्थलों पर कई स्तरों के अवरोधक लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पुराने समय में जब डाकू गांवों में डकैती करते थे तो वे रास्ते में कीलें ठोंक कर सारे रास्ते बंद कर देते थे और सिर्फ अपने बाहर जाने के लिए एक रास्ता छोड़ते थे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब सरकार वही काम कर रही है।’’

बघेल ने पॉप गायिका रिहाना और कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट से जुड़े विवाद पर सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी किए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘‘आप (सरकार) इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करके इसे और बढ़ा रहे हैं। उन्होंने (सरकार) ने इसका अंतरराष्ट्रीयकरण किया है। अगर इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाती तो इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं होता।’’

उल्लेखनीय है कि, अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की टिप्पणियों के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि टिप्पणी करने से पहले इस मुद्दे से जुड़े तथ्यों की जांच-परख कर लेनी चाहिए। पॉप स्टार रिहाना, स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी वकील एवं अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस, अभिनेत्री अमांडा सर्नी, गायक जे सीन, डॉ ज़्यूस, मिया खलीफा समेत कई विदेशी हस्तियों ने भी प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन किया है।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अमेरिका में कैपिटल हिल जैसे दूसरे देशों के मुद्दों पर भारत ने टिप्प्णी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र पर मोदी ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि उन्हें वहां ‘प्रचार करते’ देखा गया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की आर्थिक जरूरतों को पूरा किया जाए और उसे स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने जैसे वादों को भी पूरा करना चाहिए।

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