दवाओं की ब्रिक्री को लेकर ‘सख्त’ नियमों के विरोध में आज(30 मई) पूरे देश में दवा की दुकानें बंद रहेंगी। इसमें करीब नौ लाख से अधिक दवा दुकानों के शामिल होने की बात कही जा रही है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के अनुसार उन्होंने सरकार को सख्त नियम के खिलाफ प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन इसे सुना नहीं गया और इसके बाद एक दिन की हड़ताल आह्वान किया गया।
आईओसीडी के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि ‘हमें दवाओं की बिक्री से संबंधित सभी जानकारी एक पोर्टल पर डालने को कहा गया है, जो कि मौजूदा ढांचे में संभव नहीं है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, दवा विक्रेताओं का कहना है कि सरकार एक ड्रग पोर्टल लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें दवा निर्माता, वितरक और खुदरा विक्रेताओं को पंजीकरण कराने के साथ-साथ दवा बिक्री का पूरा लेखा-जोखा हर रोज रखना पड़ेगा।
साथ ही दवा विक्रेताओं को डॉक्टर की पर्ची को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा, तभी वह किसी को दवा दे सकेंगे। यह नियम औचित्य नहीं हैं। इसी तरह सरकार बिना फर्मासिस्ट दवा बेचने पर रोक लगा रही है, जबकि अवैध तरीके से ऑनलाइन दवा बिक्री पर कोई रोक नहीं हैं।
नए नियमों के अलावा दवाइयों के दुकानदार फार्मेसी की होम डिलीवरी का भी विरोध कर रहे हैं। विक्रेताओं की मानें तो ऑनलाइन फार्मेसी से उनके व्यवसाय को नुकसान होगा। साथ ही दवाइयों के गलत इस्तेमाल और नकली दवाओं की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि, इमरजेंसी परिस्थितियों में अगर दवा लेना जरूरी है तो बाजार में भटकने की जगह अस्पताल और उसके आस-पास की दुकानों से दवा खरीदी जा सकती है। हड़ताल से इन दवा दुकानों को अलग रखा गया है।