जेल में बंद ‘रावण’ पर जानलेवा हमला, भीम आर्मी ने दी आंदोलन की धमकी

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया है। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को दिए एक ज्ञापन में जेल में संगठन के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ऊर्फ रावण पर जानलेवा हमला होने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर आवश्यक कार्रवाई की मांग है।

(HT File Photo)

भीम आर्मी के जिला इकाई के कमल वालिया की मां ने चेतावनी दी है कि ‘यदि इसी तरह दलित संगठन के निर्दोष लोगों पर हमला किया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे।’ पदाधिकारियों ने घटना पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की और मांगे नहीं मानने पर आंदोलन करने की धमकी दी।

पेशे से वकील चंद्रशेखर को यूपी एसटीएफ ने आठ जून को हिमाचल प्रदेश के डलहोजी से गिरफ्तार किया था। उसपर सहारनपुर हिंसा में कथित तौर पर भूमिका निभाने का आरोप हैं। हालांकि, वह इन आरोपों को खारिज करता आ रहा है।

पढ़िए, सहारनपुर की क्या है पूरा मामला?

बता दें कि सहारनपुर में पहला दंगा 20 अप्रैल को हुआ था। तब सहारनपुर से बीजेपी के एमपी राघव लखनपाल शर्माआंबेडकर जयंती का जुलूस बिना इजाजत निकाल रहे थे। उसमें हिंसा भड़क गई थी। जिसके बाद जिले के शब्बीरपुर गांव में महाराजा प्रताप जयंती के अवसर पर डीजे बजाने को लेकर ठाकुरों(राजपूत) और दलित समाज में 5 मई 2017 को बड़ा संघर्ष हुआ।

दलितों ने कथित तौर पर गांव से शोभायात्रा निकालने का विरोध किया और शोभायात्रा पर पथराव कर दिया। इस दौरान एक राजपूत युवक की मौत हो गई। शोभायात्रा पर पथराव की सूचना आसपास के गांवों के ठाकुर समाज के लोग भी वहां पहुंच गए। दोनों ओर से पथराव के साथ-साथ फायरिंग और तोड़फोड़ शुरू हो गई। इसके बाद शब्बीरपुल गांव के दलितों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई।

इस दौरान दलितों के 60 से ज्यादा मकान जला दिए गए थे और कई वाहन फूंक दिए थे। इसके बाद दलितों की भीम आर्मी की तरफ से इस घटना का विरोध किया गया था। वहीं, पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए 9 मई 2017 को सहारनपुर में इकट्ठा हुए दलितों का पुलिस से संघर्ष हो गया था। इस दौरान सहारनपुर में नौ जगहों पर हिंसा हुई।

इस मामले में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को नामजद किया गया। जिसके विरोध में 21 मई 2017 को हजारों दलितों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। वहीं, 23 मई 2017 को एक बार फिर मायावती के दौरे के बाद दलितों और ठाकुरों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें सात लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से बाद में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

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