केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में जारी घमासान के बीच आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे केंद्र की मोदी सरकार और राज्य के बीच तल्खी बढ़ना तय है। चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने राज्य में सीबीआई की सीधी दखलंदाजी पर पाबंदी लगा दी है। अब सीबीआई आंध्र प्रदेश के किसी भी मामले में दखलअंदाजी नहीं कर सकेगी। यहां तक की आंध्र प्रदेश में घुसने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी।
दरअसल, नायडू सरकार ने उस आम सहमति को वापस ले लिया है जो दिल्ली स्पेशल पुलिस इश्टैब्लिशमेंट (दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम) के सदस्यों को राज्य के अंदर अपनी शक्तियों और अधिकारक्षेत्र का प्रयोग करने के लिए दी गई थी। जिसके बाद अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे पाएगी। राज्य सरकार ने अब सीबीआई की अनुपस्थिति में सर्च, रेड या जांच का काम ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का फैसला लिया है।
इस आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के सीबीआई के दुरुपयोग के आरोपों के बाद यह कदम उठाया गया है। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सीबीआई के विवाद और सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की वजह से जांच एजेंसी पर राज्य सरकार का भरोसा कम हुआ है। इसी कारण राज्य सरकार ने अपनी सहमति को वापस ले लिया है। हालांकि, राज्य सरकार के इस फैसले को केंद्र के साथ टकराव के रूप में देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि केंद्र उनसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए राज्य को ‘समाप्त’ करने की साजिश कर रही है। नायडू ने आशंका भी जताई थी कि राज्य के पूजा स्थलों पर आने वाले दिनों में हमले हो सकते हैं। नायडू ने यह भी आरोप लगाया था कि बिहार और अन्य राज्यों से गुंडों को कानून-व्यवस्था खराब करने के लिए आंध्र प्रदेश लाया जा रहा है।