केंद्र सरकार ने नाबालिग लड़कियों के बलात्कारियों के लिए मौत की सजा का किया विरोध, आंदोलन कर सकती है DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल

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दिल्ली महिला आयोग(डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में आठ वर्ष की एक बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म की घटना और मोदी सरकार द्वारा नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार करने वालों को मौत की सजा दिए जाने की याचिका का विरोध करने पर नाराजगी व्यक्त की है।

फाइल फोटो: स्वाति मालीवाल

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका का विरोध किया है जिसमें नाबालिक बच्चियों के साथ रेप करने वालों को मौत की सजा देने की मांग की गई है। केंद्र सरकार ने बच्चों के साथ बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा देने का समर्थन नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, ‘मौत की सजा सभी समस्याओं का समाधान नहीं हैं।’

इसी खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वाती मालवील ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘इस पर क्या कहना है? मेरे पास शब्द नहीं हैं। उदासीनता की ऊंचाई राजधानी में एक 8 महीने के बच्ची का बलात्कार किया गया है और केंद्र का कहना है कि बलात्कारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, कैसे एक इतना असंवेदनशील हो सकता है दयनीय। शर्म की बात है!’

बता दें कि याचिकाकर्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली में आठ महीने की बच्ची के साथ चचेरे भाई द्वारा बलात्कार का मामला उठाया था और सभी ऐसे मामलों की तय समय सीमा में सुनवाई पूरी करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने की मांग की। साथ ही याचिकाकर्ता आलोक श्रीवास्तव ने पॉक्सो एक्ट के तहत 0-12 साल के बच्चों के साथ बलात्कार करने के दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की है।

गौरतलब है कि, उत्तर पश्चिम दिल्ली में नेता जी सुभाष प्लेस क्षेत्र के नजदीक बीते 28 जनवरी को एक आठ माह की बच्ची के साथ उसके 28 वर्षीय चचेरे भाई ने कथित तौर पर रेप किया था। एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आठ माह की बच्ची के साथ रेप की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है साथ ही अपने आदेश में कहा कि एम्स के दो डॉक्टर उस अस्पताल में जाएं जहां वह बच्ची भर्ती है।

वहीं, देर रात स्वाती ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में 8 महीने की बच्ची के रेप पर कहा कि दोषी को सज़ाए मौत की ज़रूरत नही है। ज़ाहिर है हमारी लड़ाई कठिन है, आज पूरा समय आंदोलन की रण्नीति बनाने में लगाया। बहुत लोगो ने सत्याग्रह से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क किया। विश्वास है सबके सहयोग से ये सत्याग्रह सफल होगा।’

साथ ही स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार (2 फरवरी) की सुबह ट्वीट कर बताया कि, 8 महीने की बच्ची की हालात में कुछ सुधार आ रहा है। साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, उसके माता-पिता गरीब है और मजदूरी करते है, इस परिवार की मदद करें।

बता दें कि, स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आठ महीने की एक बच्ची के यौन शोषण पर केंद्र सरकार से दोषी व्यक्ति को छह महीने के अंदर फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। साथ ही स्वाति ने बुधवार से 30 दिनों का सत्याग्रह का एलान किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि, ‘मेरा 30 दिन का सत्याग्रह शुरू, मैं 30 दिन अपने घर नहीं जाउंगी। दिन भर आफिस में काम कर रात में दिल्ली की जगहों का जायज़ा लूंगी, डबल काम करूँगी, ऑफिस में ही सोऊँगी।’

साथ ही स्वाति ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक चार्टर भी तैयार किया है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि वह खुद बच्चियों से रेप के मामलों पर गौर करते हुए उनकी हाई लेवल कमिटी की मांग पूरी करवाएं। इसमें एलजी, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग शामिल हों। यह कमिटी रेप के दोषियों को 6 महीने के अंदर फांसी देने की सजा पर कानून लाने के लिए और विमिन सेफ्टी के बाकी मुद्दों का हल निकालने के लिए काम करे।

बता दें कि, पीड़िता का परिवार बहुत गरीब है। बच्ची के पिता मजदूरी करते हैं और मां घर में साफ-सफाई का काम करती हैं। पीड़िता के पिता ने बलात्कारी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

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