उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के स्याना में हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में मुख्य संदिग्ध आर्मी जवान जितेंद्र मलिक (जीतू फौजी) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि जीतू फौजी को शनिवार देर रात सेना ने मेरठ में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हवाले कर दिया। गिरफ्तार आरोपी जीतू को शनिवार को बुलंदशहर कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं एसआईटी की रिपोर्ट के बाद शनिवार को एसएसपी, स्याना सीओ और चिंगरावठी चौकी प्रभारी को हटा दिया गया है।
22 वर्षीय जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी 22 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा है और वह जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आर्मी की 22 राजस्थान राइफल्स में तैनात था। आपको बता दें कि कथित गोकशी को लेकर बुलंदशहर में बीते सोमवार को हुई हिंसा के 27 आरोपियों में एक जीतू भी है। इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और एक प्रदर्शनकारी सुमित की मौत हुई थी। ऐसे आरोप सामने आ रहे हैं कि जीतू फौजी ने ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल से उन्हें गोली मारी थी।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि हमने आर्मी जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू को गिरफ्तार कर लिया है। उसे सेना ने रात 12.50 बजे हमें सौंप दिया। प्राथमिक पूछताछ पूरी हो चुकी है और उसे बुलंदशहर लाया जा रहा है। उसे आज न्यायिक हिरासत के लिए कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपी जीतू ने कबूल कर लिया है कि जब भीड़ इकट्ठा हुई तो उस दौरान वह वहां मौजूद था, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि इंस्पेक्टर सुबोध को उसने ही गोली मारी। पूछताछ के दौरान जीतू ने कहा कि वह गांववालों के साथ वहां गया था, लेकिन पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की थी। दरअसल, बुलंदशहर में गोकशी के शक में भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह थे और एक सुमित नाम का युवक था।
मालूम हो कि गत तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके के चिंगरावटी क्षेत्र में कथित गोकशी के को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा सुमित नामक एक अन्य युवक की मृत्यु हो गई थी।इस मामले में 27 नामजद लोगों तथा 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज को बनाया गया है, हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में योगेश राज ने खुद को निर्दोष बताया है।