उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित तौर पर आग के हवाले की गई 15 वर्षीय एक दलित किशोरी की दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में मौत हो गई है। दलित किशोरी ने मंगलवार रात में ही दम तोड़ दिया। उसे उसी दिन आग के हवाले किया गया था।
कथित तौर पर किशोरी का एक स्थानीय निवासी ने दुष्कर्म किया था और परिवार पर मामले की शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा था। परिवार की ओर से दायर एफआईआर में कहा गया है कि सात लोग उनके घर में घुस गए और पेट्रोल डालकर पीड़िता को आग के हवाले कर दिया। अस्पताल में भर्ती पीड़िता के एक वीडियो में उसे कथित रूप से यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आज जो लोग आए थे, उन पर छेड़छाड़ का मामला चल रहा था।”
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा, “अगस्त में लड़की के साथ एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपी इस समय जेल में है। मंगलवार को हमें सूचना मिली कि उसी लड़की को रहस्यमयी परिस्थितियों में आग लगा दी गई है। मंगलवार की रात 11 बजे तक ऐसा प्रतीत हुआ कि उसने आत्महत्या का प्रयास किया था। लेकिन परिवार की शिकायत के अनुसार, सात लोगों ने उसे जलाने की कोशिश की।” उन्होंने कहा कि सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है और तीन को गिरफ्तार किया गया है।
पीड़िता के परिवार के अनुसार, आग लगाने वाले लोग उसी आरोपी के रिश्तेदार और परिचित हैं, जो पोक्सो और एससी/एससी एक्ट के तहत नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल में है। पीड़िता के चाचा ने कहा, “हमें पंचायत में दुष्कर्म के मामले को वापस लेने और निर्णय को स्वीकार करने की धमकी दी जा रही थी। सोमवार रात को मुझे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। उन्होंने परिवार को केस वापस लेने या परिणाम भुगतने की बात कही। हमें जानकारी मिली कि, मंगलवार सुबह 9.30 बजे जब लड़की के माता-पिता घर पर नहीं थे, तब उसे आग लगा दी गई।”
एफआईआर में संजय, बनवारी, बदन सिंह, वीर सिंह, जसवंत सिंह, गौतम और काजल का नाम है। पुलिस ने कहा कि वे पीड़िता के घर के करीब रहते हैं। प्राथमिकी आईपीसी धारा 307 (हत्या की कोशिश), 147 (दंगा), 506 (आपराधिक धमकी), 452 और एससी / एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि शाम को पीड़िता की मौत के बाद धारा 302 (हत्या) के साथ एफआईआर को अपडेट किया गया। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)