भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के नेता और महाराष्ट्र सरकार में खाद्य व आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने गुरुवार (22 मार्च) को पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के संस्थापक और योगगुरु बाबा रामदेव को राष्ट्रपुरुष बताया। मंत्री गिरीश बापट के इस बयान को लेकर विपक्ष और सरकार के सदस्य आमने-सामने आ गए और सदन में ही एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विधान परिषद में कांग्रेस नेता संजय दत्त ने यह मुद्दा उठाया कि, महाराष्ट्र सरकार पतंजलि पर किस तरह से मेहरबानी कर रही है। कांग्रेस नेता सरकार से जानना चाहते थे कि सरकार के वेब पोर्टल ‘आपले सरकार’ सेवा केंद्र पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पाद क्यों बेचे जा रहे हैं? वह जानना चाहते थे कि आखिर सरकार एक निजी कंपनी के उत्पाद को अपने पोर्टल पर कैसे जारी कर सकती है? यह सुविधा दूसरी कंपनियों को क्यों नहीं है? इसके बाद उन्होंने मिहान में रामदेव की कंपनी को कौड़ियों के भाव दी गई जमीन का भी उल्लेख किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इसका जवाब देने के लिए खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि, बाबा रामदेव ने योग के क्षेत्र में देश का नाम रोशन किया है, वे ‘राष्ट्रपुरुष’ हैं। योग और स्वदेशी उत्पादनों को लेकर क्रांति लाने वाले बाबा रामदेव पर विपक्ष का इस प्रकार टीका-टिपण्णी करना उचित नहीं है। बापट के इस बयान पर कांग्रेस के सदस्य भड़क गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष का कहना था कि रामदेव को ‘राष्ट्रपुरुष’ बताना सच्चे ‘राष्ट्रपुरुषों’ का अपमान है। इसके बाद विपक्ष सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा। दोनों पक्षों के बीच हुए बवाल को बढ़ते देख सभापति रामराजे नाईक निंबालकर को सदन की कार्यवाही करीब 40 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।