राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में दो साल पहले कथित गोरक्षकों द्वारा पीट-पीट कर मौत के घाट उतारे गए डेरी किसान पहलू खान के खिलाफ राज्य की पुलिस ने अब गोतस्करी के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। पहलू खान और उसके बेटों के खिलाफ चार्जशीट दायर होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ज्ञानदेव आहूजा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने राज्य पुलिस की इस कार्रवाई पर कहा कि पहलू खान और उसके भाई अक्सर गौ तस्करी के कामों से शामिल रहते थे। गौ रक्षकों और हिंदू परिषद के उपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक देव ज्ञान आहूजा ने राजस्थान पुलिस की इस कार्रवाई पर कहा कि, “पहलू खान, उनके भाई और बेटे आदतन अपराधी थे और लगातार गौ तस्करी में शामिल थे। गौ रक्षक और हिंदू परिषद पर लगाए गए सभी आरोप गलत थे।”
आहूजा ने आगे कहा, “स्थानीय लोगों ने पहलू खान के वाहन को पकड़ा जिसमें वे गायों की तस्करी कर रहे थे और उन्होंने ही उन्हें रोका था। पहलू खान की मौत पुलिस हिरासत में हुई, स्थानीय लोगों ने उनकी पिटाई नहीं की थी। अब जब उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, तो कांग्रेस इसका श्रेय ले रही है। लेकिन कांग्रेस ने तब उनके परिवार को वित्तीय मदद दी थी।”
GD Ahuja: Locals caught Pehlu Khan's vehicle in which he was smuggling cows&they had only stopped them.He died in police custody;locals hadn't beaten him. Now when chargesheet has been filed against him,Congress is taking credit.But Congress then gave financial help to his family https://t.co/rWjXVEwTRC
— ANI (@ANI) June 29, 2019
बता दें कि राजस्थान पुलिस ने पहलू खान के खिलाफ गो-तस्करी के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। साल 2017 में पहलू खान की भीड़ ने उस वक्त पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, जब वह गाड़ी में मवेशी को को ले जा रहे थे। गौरक्षकों ने गोतस्करी के संदेह में पहलू खान की पिटाई की थी। भीड़ की पिटाई के बाद पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई थी। बता दें कि, जब यह घटना हुई थी तब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार थी और उस वक्त राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया थीं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र में पहलू खान के दो बेटों इरशाद और आरिफ का भी नाम शामिल है। आरोप पत्र में उस पिक-अप ट्रक के मालिक का नाम भी है, जिसकी गाड़ी का इस्तेमाल बहरोर के पास हुई घटना के दौरान मवेशी ले जाने के लिए हुआ था। बता दें कि एक अप्रैल, 2017 को अलवर में खान दो बेटे के साथ मवेशियों को गाड़ी से लेकर जा रहे थे, तभी कथित गोरक्षकों की भीड़ ने उन पर हमला बोल दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ताजा चार्जशीट में खान का मरने के बाद भी नाम शामिल किया गया है और इसे इस साल 29 मई को बहरोर स्थित एडिश्नल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया गया था। यह चार्जशीट 30 दिसंबर 2018 को तैयार की गई थी, जिसके कुछ ही दिनों पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी।
इस चार्जशीट में पहलू खान और उनके बेटों पर राजस्थान गोवंशीय पशु (वध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 लगाई गई है।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उनके सबसे बड़े बेटे इरशाद (25) ने बताया, “गोरक्षकों के उस हमले में हमने पिता को खो दिया और अब हमें गो तस्कर के तौर पर आरोपित किया गया है। हमें उम्मीद थी कि सूबे में नई कांग्रेसी सरकार मामले की समीक्षा करेगी और केस वापस लेगी, पर उन्होंने हमारे खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल कर दी। हमने सरकार बदलने के बाद न्याय की उम्मीद की थी, पर वैसा कुछ भी नहीं हुआ।” इस चार्जशीट में इरशाद के साथ पहले के सबसे छोटे बेटे आरिफ का नाम भी शामिल है।