भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने नोबल पुरस्कार जीतने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति पराकला प्रभाकर पर निशाना साधा है। भाजपा नेता ने अभिजीत बनर्जी और निर्मला सीतारमण के पति द्वारा मोदी सरकार की आलोचना को हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से जोड़ दिया है।

बी.एल. संतोष ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, “हरियाणा और महाराष्ट्र में मतदान की तारीखें नजदीक आते ही फिर से ‘इको सिस्टम’ काम पर लग गया है। मनमोहन सिंह 19 अक्टूबर को प्रेस को संबोधित करेंगे, अभिजीत बनर्जी भी साक्षात्कार देना शुरू कर दिए हैं, इतने वर्षों बाद अचानक पराकला प्रभाकर भी बाहर निकलते हैं। पांच दिन की प्रसिद्धि के लिए इन सभी का स्वागत करें।” बता दें कि, अपने ट्वीट में संतोष ने भाजपा के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है।
Eco system on the roll again as polling dates of Haryana & Maharashtra draws nearer .. Manmohan Singh will address press on Oct 19 ..Abhijith Bannerjee starts giving interviews .Mr Parakala Prabhakar of yester years comes out suddenly .Welcome all for a 5 day fame .. @BJP4India
— B L Santhosh (@blsanthosh) October 15, 2019
गौरतलब है कि, हाल ही में एक अंग्रेजी दैनिक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति और आर्थिक मामलों के जानकार पराकला प्रभाकर ने एक लेख लिखकर देश की अर्थव्यवस्था को खराब बताया था। उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए लिखा था, “सरकार भले इससे इनकार करे, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि कई सेक्टर संकट का सामना कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा नेहरूवादी मॉडल को कोसती है, मगर इसका कोई ठोस विकल्प नहीं पेश कर पाई है।
परकला प्रभाकर ने अपने लेख में कहा था कि मोदी सरकार को पूर्व प्रधानमंत्रियों, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों को अपनाना चाहिए, जिसने अर्थव्यवस्था में उदारीकरण का रास्ता दिखाया। प्रभाकर ने अपने लेख में साल 1991 में बिगड़ी अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का भी जिक्र किया था।
अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है। उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़ें यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है। बता दें कि, अभिजीत बनर्जी को वर्ष 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है। वर्तमान (विकास के) आंकड़ों को देखने के बाद, (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार) को लेकर निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है।’’ बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल को बताया, ‘‘पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है।’’
बी.एल. संतोष की गिनती संगठन के मामले में तेजतर्रार नेता की है। भाजपा में महासचिव तो कई होते हैं, मगर राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) का पद सिर्फ एक होता है, जिसे आमतौर पर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री कहते हैं। यह पद संघ से आने वाले व्यक्ति को ही मिलता है, जिसका मूलत: काम संघ और भाजपा के बीच समन्वय का होता है। पहले इस पद पर रामलाल थे, मगर जुलाई में उन्हें जब संघ ने वापस बुलाया, तो उनकी जगह पर बी.एल. संतोष नियुक्त हुए थे। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)