भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए हाल ही में मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में बरी हुए स्वामी असीमानंद को काम सौंप सकती है। जी हां, पश्चिम बंगाल में सियासी जमीन तलाश रही बीजेपी अब आने वाले समय में असीमानंद को राज्य की सियासत में लाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि असीमानंद को हाल ही में हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट के मामले में एनआईए कोर्ट ने बरी किया है।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक बीजेपी की प्रदेश इकाई ने असीमानंद की मदद लेने के साफ संकेत दिए हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मीडिया से बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि की है। पार्टी की इस रणनीति की पुष्टि करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मैं स्वामी असीमानंद को निजी तौर पर लंबे समय से जानता हूं। मैं उनसे बात करुंगा और उन्हें पश्चिम बंगाल लाने का प्रयास करूंगा ताकि वह यहां काम कर सकें। उन्होंने लंबे समय तक बंगाल में आदिवासियों के बीच काम किया है। वह कई तरीकों से हमारी मदद कर सकते हैं।’
गौरतलब है कि सोमवार को ही अदालत ने 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में 66 वर्षीय असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। असीमानंद के छोटे भाई सुशांत सरकार फिलहाल बीजेपी की हुगली इकाई के सचिव हैं। असीमानंद के राजनीति में आने की खबरों पर सुशांत सरकार ने कहा कि अगर उनके भाई कामकाज के लिए राज्य में लौटते हैं तो उन्हें खुशी होगी।
सरकार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा पूरा परिवार आरएसएस से जुड़ा हुआ है और अगर हमारे भाई यहां पार्टी के लिए काम करते हैं तो इससे हम सब को बेहद खुशी होगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के कामारपुकार में जन्मे नभ कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद ने यहां से 1971 में स्नातक की डिग्री हासिल की थी।