बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य की भाजपा-जेडीयू सरकार में सहयोगी जीतन राम मांझी ने गुरुवार को जमुई जिले के सिकंदरा में भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए भगवान राम पर ही सवाल उठा दिए। उनका कहना है कि राम भगवान नहीं हैं, वे तो सिर्फ तुलसीदास व वाल्मीकि रामायण के पात्र हैं।

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि राम कोई भगवान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह रामायण लिखने वाले वाल्मीकि और तुलसीदास को मानते हैं, पर राम को नहीं जानते। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि राम भगवान थोड़े ही थे, वे तो तुलसीदास और बाल्मीकि रामायण के पात्र थे। रामायण में बहुत सी अच्छी बातें लिखी हैं, इसलिए हम उसे मानते हैं, पर राम को नहीं जानते।
मांझी ने आगे कहा कि पूजा-पाठ करने से कोई बड़ा नहीं होता है। अनुसूचित जाति के लोगों को पूजा-पाठ करना बंद कर देना चाहिए। जो ब्राह्मण मांस खाते हैं और शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। उनसे पूजा-पाठ नहीं कराना चाहिए।
हम राम को नहीं मानते ये कहना हैं बिहार में भाजपा के सहयोगी @jitanrmanjhi का जो अंबेडकर जयंती के बहाने अपने पुराने बयान को फिर दोहराया @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/DXNX7Qf7ed
— manish (@manishndtv) April 15, 2022
मांझी का भगवान राम, हिन्दू धर्म और ब्राह्मणों पर दिए बयानों का मामला नया नहीं है। वो पहले भी कई बार ये बातें कर चुके हैं। मांझी ने पिछले साल भी इस तरह का विवादित बयान दिया था और कहा था कि वह राम को भगवान नहीं मानते।
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