पिछले कुछ दिनों से शक के आधार पर भीड़ का लोगों के साथ हो रही क्रूरता थमने का नाम नहीं ले रही है। देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार बढ़ रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बीच अब बिहार में गंदे पानी का छींटा पड़ने को लेकर हुए विवाद के बाद भीड़ द्वारा एक व्यापारी की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है।
यह घटना बिहार में रोहतास जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है जहां एक व्यवसायी की हत्या का मामला सामने आया है। यहां मुरादाबाद पुल पर सोमवार (30 जुलाई) दोपहर मोटरसाइकल गुजरने से गंदे पानी का छींटा पड़ने को लेकर हुए विवाद में एक खाद व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसका नाम जय गोविंद महतो (50) है। वह जिला मुख्यालय सासाराम के मॉडल थाना अंतर्गत तकिया बाजार समिति मोहल्ला निवासी थे। उन्होंने बताया कि महतो की हत्या से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क को घंटों जाम रखा।
राजेश ने बताया कि जय गोविंद महतो सोमवार को किसी काम से अपने पुत्र विनोद कुमार के साथ एक मोटरसाइकल पर सवार होकर करगहर की ओर जा रहे थे। उनकी मोटरसाइकल के चक्के से उड़ा पानी छींटा पीछे से आ रहे एक अन्य मोटरसाइकल पर सवार दो युवकों पर पड़ गया जिसके बाद दोनों युवकों ने जय गोविंद और उसके पुत्र की लात घूसों से पिटाई करने लगे।
युवकों के साथ कुछ अन्य लोगों ने भी मौके पर पहुंच कर उनकी पिटाई की जिसके कारण जयगोविंद की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुफस्सिल थाना में अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। हत्यारों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि अभी रविवार (29 जुलाई) को ही गुजरात के दाहोद जिले में लूटपाट के संदेह में भीड़ ने अजमल मोहनिया नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था। वहीं इस महीने की शुरुआत में राजस्थान के अलवर जिले में गौ-तस्करी के संदेह में 28 साल के रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
इसके कुछ हफ्ते पहले, महाराष्ट्र के धुले जिले के एक गांव में बच्चा चोर समझकर पांच बंजारों को पीट-पीटकर मार डाला गया था। एक पखवाड़े पहले, मध्य प्रदेश में एक भीड़ ने बच्चा चोर समझकर एक महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में भीड़ हत्या की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार से कहा था कि वह इस समस्या से निपटने के लिए अलग से एक कानून बनाए।