पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के लगभग तीन महीने बाद ही गोवा के पूर्व विधायक लवू मामलातदार सहित इसके पांच प्राथमिक सदस्यों ने शुक्रवार को पार्टी पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हुए और वोटों के लिए हिंदुओं और ईसाइयों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। राज्य में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले नेताओं के इस इस्तीफे से टीएमसी को बड़ा झटका लगा है।
इस्तीफा देने वाले नेताओं ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को लिखे अपने त्याग पत्र में कहा, “हम इस उम्मीद के साथ ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITMC) में शामिल हुए थे कि यह गोवा और गोवावासियों के लिए अच्छे दिन लाएगी। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि AITC गोवा और गोवा को नहीं समझ पाया है।”
नेताओं ने आगे लिखा, “एआईटीसी ने हिंदू वोटों को एमजीपी की ओर और कैथोलिक वोटों को एआईटीसी की ओर ध्रुवीकृत करने का कदम विशुद्ध रूप से सांप्रदायिक प्रकृति का है। हम ऐसी पार्टी में नहीं रहना चाहते जो गोवा को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। हम एआईटीसी और एआईटीसी गोवा का प्रबंधन करने वाली कंपनी को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे। राज्य का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना और हम इसकी रक्षा करेंगे।”
पोंडा के पूर्व विधायक लवू मामलातदार गत सितंबर के अंतिम सप्ताह में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे। वह टीएमसी में शामिल होने वाले राज्य के पहले कुछ स्थानीय नेताओं में से थे। मामलातदार ने आरोप लगाया कि टीएमसी चुनाव के बाद सत्ता में आने पर राज्य में महिलाओं के लिए एक कल्याणकारी योजना शुरू करने के नाम पर लोगों के आंकड़े एकत्र कर रही है।
इससे पहले उन्होंने तृणमूल पर गोवा विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा था- मैं इस धारणा में था कि टीएमसी एक सांप्रदायिक पार्टी नहीं थी। लेकिन 5 दिसंबर को महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठबंधन की घोषणा की गई। मुझे पता चला कि टीएमसी भी सांप्रदायिक है।
उन्होंने टीएमसी पर आरोप लगाया कि वह अपनी गृह लक्ष्मी योजना के नाम पर लोगों के डेटा एकत्र करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया है कि पश्चिम बंगाल में शुरू की गई लक्ष्मी भंडार योजना के तहत, केवल 500 रुपये दिए जाते हैं, जबकि यहां वे गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को 5,000 रुपये देने का वादा कर रहे हैं, जो लगभग असंभव है। योजना का वादा पूरी तरह से गोवा से आंकड़े एकत्र करने के लिए है।’’
बता दें कि, टीएमसी ने फरवरी 2022 में होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। टीएमसी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है, जिसके मामलातदार 2012 और 2017 के बीच विधायक थे।
आगामी चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस आक्रामक रूप से प्रचार कर रही है। पार्टी ने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो को शामिल किया है। गोवा में 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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