केंद्र सरकार ने बैंकों और डाकघरों को चलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को 20 जुलाई तक भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) में जमा कराने की अनुमति दे दी है। नोटबंदी के बाद यह दूसरा मौका है जब केंद्र सरकार ने बैंकों, डाकघरों और सहकारी बैंकों को बेकार हो चुके नोटों को रिजर्व बैंक में जमा कराने का समय दिया है।इससे पहले यह अवसर 31 दिसंबर 2016 तक के लिए दिया गया था। यह नोटबंदी के बाद 50 दिन की अवधि समाप्त होने के एक दिन बाद तक का समय था। एक अधिसूचना में सरकार ने कहा है कि विनिदर्ष्टि नोटों को बैंक, डाकघर और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक रिजर्व बैंक के किसी भी कार्यालय में इस नियम के अधिसूचित होने के बाद 30 दिन की अवधि के भीतर जमा करा दें।
बता दें कि यह राहत ऐसे समय में दी गई है जब कई जिलों से ऐसी रिपोर्ट्स आ रही थीं कि किसानों को धन देने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों के पास पर्याप्त कैश नहीं है। इसके बाद सरकार ने बैंकों, पोस्ट ऑफिस, जिला केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंकों को 500-1000 रुपये के पुराने नोटों को 30 दिनों के भीतर RBI में जमा करने की अनुमति दी है।
गौरतलब है कि सरकार ने कालाधन पर अंकुश लगाने तथा फर्जी नोटों पर पाबंदी लगाने के मकसद से पिछले वर्ष 8 नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी। बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा करंसी नोट्स का इस्तेमाल करने के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है।