भारत के सर्वोच्च नागरिकता सम्मान ‘भारत रत्न’ को लेकर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व कांग्रेसी नेता व देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान के लिए नामित किए जाने पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने तंज कसा है। आजम खां ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दावत कुबूलने के लिए उन्हें (पूर्व राष्ट्रपति) यह इनाम मिला है।
मीडिया से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के सवाल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव खां ने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने आरएसएस के हेड क्वार्टर जाने की दावत कुबूल की थी, उसके बदले में आरएसएस को कुछ तो देना था। यह उसी का इनाम है।
उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी को जब भारत रत्न दिए जाने की सूचना मिली तो उन्होंने कहा था, “मैं नहीं जानता कि क्या मैं इसके लायक हूं।” शायद उन्हें भी यह समझ नहीं आया कि आखिर क्यों भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा उन्हें भारतरत्न मानने लगी है।
डॉ. मुखर्जी को यह सम्मान अमित शाह के बंगाल में पैर पसारने की कोशिश तो नहीं? इस सवाल पर आजम ने भाजपा अध्यक्ष को सलाह देते हुए कहा, “पैर जरूर पसारें, लेकिन यह ख्याल रखें कि नीचे तेजाब न हो।” बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने भी पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को मिले भारत रत्न पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को निशाने पर लेते हुए कहा कि मुखर्जी को भारत रत्न RSS की प्रशंसा करने के दिया गया है।
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका, एवं आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि नानाजी देशमुख एवं भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा। इस घोषणा के साथ ही राजनीति-सामाजिक जगत की हस्तियों ने इसका स्वागत किया है।