निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि, मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। बता दें कि, नई दिल्ली विधानसभा से अरविंद केजरीवाल विधायक हैं और एक बार फिर इस सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार हैं।

दरअसल, कुछ रिपोर्ट मीडिया में बताया जा रहा था कि निर्भया की मां आशा देवी कांग्रेस के टिकट पर नई दिल्ली विधानसभा सीट से सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद के एक ट्वीट ने इस दावे को मजबूत कर दिया।
कीर्ति आजाद ने एक ट्वीट, जिसमें आशा देवी के अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से चुनाव लड़ने की बात कही गई थी। इस ट्वीट को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘ऐ मां तुझे सलाम… आशा देवी जी आपका स्वागत है।’ आजाद के इस ट्वीट के बाद निर्भया की मां आशा देवी के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई।
"ऐ मां तुझे सलाम"
आशा देवी जी आपका स्वागत है https://t.co/XovQXVsLp9— Kirti Azad (@KirtiAzaad) January 17, 2020
चुनाव लड़ने को लेकर हुए सवाल पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि, मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैंने कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है। मैं सिर्फ अपनी बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रही हूं। मेरी मांग सिर्फ इतनी है कि मेरी बेटियों के दोषियों को जल्दी से जल्दी फांसी हो।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gangrape victim, on reports that Congress could field her against Delhi CM Kejriwal on New Delhi seat: I have no interest in politics. I have not spoken to anyone in Congress. I only want justice for my daughter and execution of the convicts. pic.twitter.com/SPcMxiLUw5
— ANI (@ANI) January 17, 2020
इससे पहले निर्भया के दोषियों को फांसी में हुई देरी पर आशा देवी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा था कि, “ये बिल्कुल गलत है कि उन्होंने समय पर काम किया, 7 साल हो गए घटना हुए, 2.5 साल हो गए सुप्रीम कोर्ट से फैसला आए, 18 महीने हो गए रिव्यू पेटिशन खारिज हुए, जो काम जेल को, सरकार को करना चाहिए था वो हमने किया।”
बता दें कि, दिल्ली में आठ फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 11 फरवरी को घोषित होंगे। आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा के लिए सभी 70 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में 24 नए चेहरे शामिल हैं जबकि 15 मौजूदा विधायकों के नाम सूची में नहीं हैं। अभी कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की एक भी लिस्ट जारी नहीं की है।
दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। हालांकि, कांग्रेस की स्थिति भी पिछले चुनाव के मुकाबले मज़बूत लग रही है। 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) को रिकॉर्ड जीत मिली थी, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत प्राप्त की थी और 3 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी, कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
हालांकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत हुई थी और वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी जबकि आम आदमी पार्टी (आप) तीसरे नंबर पर खिसक गई थी।