इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) की विश्वसनीयता पर जारी बहस के बीच चुनाव आयोग ने शुक्रवार(12 मई) को सर्वदलीय बैठक की। सात घंटे तक चली बैठक में सात राष्ट्रीय पार्टियों तथा 35 क्षेत्रीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग ने सभी पार्टियों के विचारों को ध्यान से सुना है और आश्वस्त करता है कि उनकी शंकाओं पर विचार किया जाएगा और चुनौती के माध्यम से इसका निराकरण किया जाएगा।मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने शुक्रवार(12 मई) को कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल ईवीएम से छेड़छाड़ साबित करने के लिए चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों को एक मौका देगा। जैदी ने कहा कि जल्द ही इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग चुनौती देगा और राजनीतिक पार्टियों को यह साबित करने का मौका देगा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई।
साथ ही निर्वाचन आयोग ने हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से किसी प्रकार की छेड़छाड़ की संभावना को खारिज करते हुए घोषणा की कि भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में वोटर-वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
जैदी ने कहा कि आयोग ने राजनीतिक दलों के समक्ष कहा है कि भविष्य में जितने भी चुनाव होंगे, उनमें वोटर-वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। आयोग के इस फैसले का सभी दलों ने स्वागत किया है। हालांकि, बसपा की मांग थी कि चुनाव ईवीएम मशीन की बजाय बैलेट पेपर से कराए जाए। वहीं, आम आदमी पार्टी(आप) ने हैकथॉन की मांग की।
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