सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आजादी के नारे लगाने वाले और सुरक्षा बलों से उलझने वाले कश्मीरी युवाओं को सख्त संदेश देते हुए कहा कि ‘आजादी’ का सपना कभी पूरा नहीं होने वाला। सेना प्रमुख कश्मीरी युवाओं को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि वे आजादी की बात को भूल जाएं, क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पथराव करने और सुरक्षा बलों के साथ उलझने से उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होगा।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जनरल रावत ने कहा कि कश्मीरी युवकों को जानने की जरूरत है कि उन्हें आजादी नहीं मिलेगी। आप (कश्मीरी युवा) सेना से नहीं लड़ सकते। सेना प्रमुख ने कहा कि आजादी सिर्फ एक कहावत जैसी है और कश्मीर के लोगों को ये जान लेना चाहिए। सेना प्रमुख ने कहा कि जो लोग कश्मीर के युवाओं को बंदूक पकड़ा रहे हैं और उन्हें कह रहे हैं कि इस रास्ते से उन्हें आजादी मिलेगी, वे इन युवाओं को सिर्फ बहका रहे हैं।
सेना प्रमुख ने ने कश्मीरी युवाओं के हथियार उठाने पर कहा, ‘बंदूक उठाने वालों और मासूम युवाओं को आजादी के नाम पर झूठे सपने दिखाने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि इस रास्ते पर जाने से कुछ नहीं मिलने वाला… मैं युवाओं को कहना चाहता हूं कि ऐसे लोग आपको भड़का रहे हैं। कश्मीरी युवाओं को कह रहा हूं आजादी संभव नहीं है। ऐसा नहीं होने वाल। दूसरों के भड़काने पर गलत रास्ते पर नहीं जाएं।’
कश्मीर में अराजक तत्वों को सख्त चेतावनी देते हुए जनरल रावत ने कहा, ‘जो लोग आजादी की मांग कर रहे हैं उनके खिलाफ हम हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। जो लोग आजादी चाहते हैं वह अच्छी तरह से मान लें कि ऐसा नहीं होने जा रहा। कभी भी नहीं।’ उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि बंदूक उठाने से कश्मीरी युवाओं को कुछ हासिल नहीं होने वाला है। सेना से कोई नहीं लड़ सकता।
जनरल रावत ने कहा कि हमें खुद मुठभेड़ में मौतों से दुख होता है, हमें इस पर कोई खुशी नहीं होती, लेकिन उधर से लोग लड़ेंगे तो हमारे पास भी पूरी ताकत से लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। कश्मीरियों को समझना चाहिए कि भारतीय सुरक्षाबल इतने क्रूर नहीं हैं, जितने कि दूसरे देशों के। सीरिया और पाकिस्तान में तो ऐसे हालात में उपद्रवों से निपटने के लिए टैंक और हवाई शक्ति की मदद ली जाती है।
उन्होंने कहा कि सेना को इसमें कोई मजा नहीं आता है लेकिन अगर आप हमसे लड़ना चाहते हैं तो हम भी पूरी ताकत से लड़ेंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बाद भी हमारी भारतीय सेना नागरिकों की हिफाजत के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। जनरल बिपिन रावत ने कहा कि मैं जानता हूं कि कश्मीर के युवाओं में आक्रोश है, मगर जवानों पर पत्थर फेंकना कोई उपाय नहीं है।
कश्मीर में मारे गए आतंकियों के बारे में जनरल बिपिन रावत ने कहा कि मैं इन आंकड़ों पर ध्यान नहीं देता हूं। जनरल रावत ने कहा कि मैं जानता हूं कि सेना अराजक तत्वों को लगातार कमजोर कर रही है, लेकिन मैं आंकड़ों के खेल में नहीं उलझता। मुझे पता है कि आतंक का भी एक चक्र है और नए आतंकियों की भी भर्ती का काम चल ही रहा है। मैं सिर्फ लोगों को यह बताना चाहता हूं कि आप सेना से नहीं लड़ सकते हैं। सेना से लड़कर तो आप कभी भी जीत नहीं सकते।