ऑस्कर विजेता और देश के मशहूर संगीतकार ए. आर. रहमान ने अपनी जिंदगी से जुड़ी बहुत ही निजी और चौंकाने वाली बात का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जीवन में एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने खुदकुशी करने का मन बनाया था।
ए.आर रहमान की बायोग्राफी- नोट्स ऑफ ए ड्रीम : द ऑथराइज्ड बॉयोग्राफी ऑफ ए आर रहमान’ में इस बात का खुलासा किया है। इस किताब को कृष्ण त्रिलोक ने लिखा है. पुस्तक का विमोचन शनिवार को मुंबई में किया गया।
समाचार ऐजेंसी पीटीआई भाषा से बातचीत में ए.आर रहमान ने कहा, 25 साल तक, मैं खुदकुशी करने के बारे में सोचता था. हम में से ज्यादातर महसूस करते हैं कि यह अच्छा नहीं है। क्योंकि मेरे पिता का इंतकाल हो गया था तो एक तरह का खालीपन था… कई सारी चीजें हो रही थीं।
उन्होंने आगे कहा (लेकिन) इन सब चीजों ने मुझे और अधिक निडर बना दिया. मौत निश्चित है। जो भी चीज बनी है उसके इस्तेमाल की अंतिम तिथि निर्धारित है तो किसी चीज से क्या डरना। बता दें कि साल ए.आर.रहमान को साल 2010 में फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर के लिए ग्रैमी अवॉर्ड मिला था।
51 वर्षीय संगीतकार की जिन्दगी में तब बदलाव आया जब उन्होंने चेन्नई में अपने घर के पीछे रिकॉर्डिंग स्टूडियो पंचथन रिकॉर्ड इन का निर्माण किया। उन्होंने बताया इससे पहले सब कुछ बहुत ही निष्क्रिय जैसा था। पिता की मृत्यु के दुःख ने मुझे कमजोर बना दिया। उस दौरान मुझे तकरीबन 35 फ़िल्में मिलीं लेकिन मैं उनमें से सिर्फ 2 ही फ़िल्में कर सका।