जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले में आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद कुमार सहित विभिन्न लोगों ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। उन लोगों ने लोकसभा चुनाव से पहले इसे दाखिल किए जाने को लेकर भी सवाल उठाया है। इस बीच केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी ने जेएनयू राजद्रोह मामले में चौंकाने वाला खुलास किया है।
एबीवीपी की जेएनयू इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष जतिन गोराया ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में दावा किया है कि समाचार चैनल ‘जी न्यूज’ द्वारा दिखाए गए वीडियो में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगा रहे मौजूद छात्र कथित तौर पर एबीवीपी के सदस्य थे या उनसे सहानुभूति रखने वाले छात्र थे। साथ ही उन्होंने जेएनयू विवाद को जन्म देने के लिए एबीवीपी और जी न्यूज के बीच कथित सांठगांठ का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
एबीवीपी के पूर्व उपाध्यक्ष जतिन ने दावा किया है कि विवाद वाले दिन 9 फरवरी को हिंदुत्व संगठन द्वारा जेएनयू के परिसर में ज़ी न्यूज़ को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि 9 फरवरी की शाम को कार्यक्रम था, लेकिन उससे पहले ही दिन में 2 बजे एबीवीपी के तत्कालीन ज्वाइंट सेक्रेटरी ने जी न्यूज को जेएनयू परिसर में बुला लिया था। बता दें कि जतिन गोराया ने विवाद के बाद अगस्त 2016 में पद से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोप है कि वह कार्यक्रम संसद हमला मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू की फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था।