दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। अमित शाह की जुबान फिसलना, फिर ट्रांसलेटर (अनुवादक) की गलती की वजह से उनकी काफी किरकिरी हुई थी। हालांकि ऐसा लग रहा है कि अमित शाह की टीम कर्नाटक में हुई गलती से सबक नहीं ली है, क्योंकि अगर ली होती बीजेपी अध्यक्ष को एक बार फिर शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ता।
आपको बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी स्टार प्रचारक के रूप में पूरे राज्य में चुनानी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही बीजेपी के लिए अमित शाह एक दिन कई रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। हालांकि कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में अमित शाह के लिए भाषा कोई बाधा नहीं है, लेकिन उनकी टीम की गलती की वजह से एक बार फिर उन्हें नाराज होना पड़ा।
दरअसल, मध्य प्रदेश में हाल ही में अमित शाह एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उस दौरान शाह के साथ मंच पर चार विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार मौजूद थे। लेकिन अमित शाह के मौजूद लिस्ट में चारों प्रत्याशियों में से मात्र एक प्रत्याशी का ही नाम लिखा हुआ था और अन्य तीन उम्मीदवारों के नाम लिखना उनकी टीम भूल गई थी। अमित शाह को पता नहीं था कि उनके पास मौजूद लिस्ट में मात्र एक ही उम्मीदवार का नाम लिखा हुआ है।
अमित शाह अपने भाषण के शुरूआत करते हुए कहने वाले थे कि आज के इस कार्यक्रम में मौजूद ‘चार विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों…’ लेकिन जैसे उन्होंने अपनी पर्ची देखी तो पता चला कि उनके पास सिर्फ एक ही प्रत्याशी का नाम लिखा हुआ है जिसके बाद उन्होंने फौरन उम्मीदवारों की जगह कहा कि ‘चार विधानसभा क्षेत्रों’ के लोग उपस्थित हैं। अमित शाह काफी नजर दिख रहे थे।
उन्होंने फौरन मंच पर ही मौजूद अपने एक सहयोगी को बुलाया और गुजराती में उसकी जमकर क्लास लगाई। शाह ने अपने सहयोगी से गुजराती में पूछा कि अन्य विधानसभा के उम्मीदवारों के नाम गायब हैं… आपने लिखा नहीं…उनके नाम कहां है? उन्होंने तुरंत अपने सहयोगी को उन तीनों उम्मीदवारों के नाम पूछने को भेजा। कुछ देर बीजेपी अध्यक्ष के सहयोगी ने उन तीनों उम्मीदवारों के नाम लाकर उन्हें दिया।
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