गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगहों पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। लेकिन इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते पूरे आंदोलन का माहौल बदल गया। राकेश टिकैत के आंसुओं ने गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल को एकदम से बदल दिया। यहां देर रात से ही देशभर के किसान जुटने लगे।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की कमान संभाल रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के समर्थन में तमाम लोग सामने आने लगे, साथ ही विपक्षी नेताओं का जमावड़ा भी लगने लगा। शुक्रवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस नेता अलका लांबा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंची कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत करते हुए कहा कि जब तक यह धरना चलेगा वह किसानों के समर्थन में खड़ी रहेगी और मोदी सरकार को किसानों की मांग माननी पड़ेगी और काले कानून वापस लेने होंगे। उन्होंने कहा कि, “एक आँसू किसान का जनसैलाब लेकर आया है, केंद्र में बैठी अहंकारी सत्ता को समझ जाना चाहिए कि यह एक आँसू नहीं था यह तो अन्नदाता का आँसू था। और वो आँसू इसलिए नहीं आया कि वो कमजोर था, वो आँसू इसलिए आया कि इस आंदोलन में जितने भी किसानों की शहादत हुई है उनके लिए था। किसानों की शहादत बर्बाद नहीं होगी।”
अलका लांबा ने दावा किया कि, राकेश टिकैत जी 44 बार जेल जा चुके हैं और उन्हें 45वीं बार जेल में डालने के लिए डराया जा रहा हैं। इस दौरान उन्हें मोदी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा।
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गौरतलब है कि, गुरुवार (28 जनवरी, 2021) को पुलिस और प्रशासन की चहलकदमी के बाद से आशंकित किसान गाजीपुर बॉर्डर से अपना सामान समेटने लगे थे। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्ता विफल होने के बाद राकेश टिकैत के आंसुओं ने माहौल बदल दिया। हालात ऐसे बन गए कि आधी रात से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों से किसानों के समूह गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे। जहां धरना खत्म होने की अटकलें लग रही थीं वहां रात में ही हज़ारों की संख्या में किसान जुटने लगे। शुक्रवार की सुबह होते-होते देशभर के किसान भी राकेश टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने लगे। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस फोर्स को बैरंग वापस लौटना पड़ा।