उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार (13 मई) को प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा इस पर कोई कैसे ऐतबार करेगा।
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा। अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार। ऐ बाबू, कोई भला कैसे करे ऐतबार। अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं, बल्कि ये पूछ रहे हैं कि उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।”
पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा…
अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार…
ऐ बाबू कोई भला कैसे करे एतबार…अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने ज़ीरो होते हैं बल्कि ये पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 13, 2020
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं, पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए। जिन गरीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद, संकट के समय में भी उन गरीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। ये सबका विश्वास के नारे के साथ विश्वासघात है।”
ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए. जिन ग़रीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊँचाईयों पर पहुँचने के बाद, संकट के समय में भी उन ग़रीबों की अनदेखी करना अमानवीय है.
ये “सबका विश्वास” के नारे के साथ विश्वासघात है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 13, 2020
इसके अलावा उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा था कि, “देश के मजदूर-गरीब अपनी विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें सुनने को मिला केवल निर्थक निबंध। क्या आधे घंटे से भी ज्यादा समय में सड़कों पर भटकते मजदूरों के लिए एक-आध शब्द की संवेदना की भी गुंजाइश नहीं थी, हर कोई सोचे। असंवेदनशील-दुर्भाग्यपूर्ण!”
देश के मज़दूर-ग़रीब अपनी विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे लेकिन उन्हें सुनने को मिला केवल निरर्थक निबंध. क्या आधे घंटे से भी ज़्यादा समय में सड़कों पर भटकते मज़दूरों के लिए एक-आध शब्द की संवेदना की भी गुंजाइश नहीं थी. हर कोई सोचे.
असंवेदनशील-दुर्भाग्यपूर्ण! pic.twitter.com/7PbCNtdoM8
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 12, 2020
बता दें कि, कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। पीएम ने कहा है कि यह जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए आत्मनिर्भर बनना बहुत जरूरी है।
बता दें कि, उद्योग और उससे जुड़े लोग लंबे समय से सरकार से पैकेज की मांग कर रहे थे ताकि कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा सके।