राफेल विमान सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है, जो कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं है। राफेल सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष लगातार हमला बोल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह ‘स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला’ है।
एक बार फिर से राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा कि वायुसेना के अधिकारियों एवं जवानों, शहीद पायलटों के परिवारों और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कर्मचारियों का ‘अपमान करने और चोरी करने वालों’ को न्याय के जद में लाया जाएगा।
राहुल गांधी ने मंगलवार(25 सितंबर) को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हम भारत की सेवा करने वाले वायुसेना के हर अधिकारी एवं जवान, हर शहीद पायलट के परिवार, एचएएल के साथ काम करने वाले हर व्यक्ति का दर्द महसूस करते हैं। हम समझ सकते हैं कि आप लोग क्या महसूस कर रहे हैं। हम उन सभी लोगों को न्याय के जद में लाएंगे जिन्होंने आपका अपमान किया है और आपसे चोरी की है।’
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के एक कथित बयान आने के बाद से राहुल गांधी एव विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हमले कर रहे हैं।
To every Air Force officer and Jawan who has served India. To the family of every martyred Indian fighter pilot. To every person who ever worked for HAL. We hear your pain. We understand how you feel. We will bring to justice all those who dishonoured and stole from you. pic.twitter.com/gNFgnaYn4W
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 25, 2018
दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडियापार्ट’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि राफेल विमान सौदे में दसाल्ट के ‘ऑफसेट साझेदार’ के तौर पर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का नाम खुद भारत सरकार ने प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।
ओलांद का साक्षात्कार दुनिया के कई टीवी चैनलों पर प्रसारित होने के बाद राफेल सौदे को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों की तरफ से प्रतिदिन आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। उनके इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों के आरोपों को बल मिला और उन्होंने सरकार पर हमलावर तेवर अख्तियार कर लिए है।
वहीं, मोदी सरकार ने फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को खारिज करते हुए कहा है कि दसाल्ट ने रिलायंस डिफेंस का चयन किया और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है।