सोशल मीडिया पर हंगामे के बाद तनिष्क ने हटाया विज्ञापन, बयान जारी करके अनजाने में हुई गलती के लिए जताया खेद

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टाइटन ग्रुप की आभूषण ब्रांड तनिष्क ने मंगलवार को अपने उस विज्ञापन को वापस ले लिया जिसमें दो अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों के एक परिवार को दिखाया गया था। तनिष्क ने सोशल मीडिया पर तीखे हमले किए जाने के बाद अपना विज्ञापन वापस ले लिया जिसमें कुछ लोगों ने उस पर ‘लव जिहाद’ और ‘फर्जी धर्मनिरपेक्षता’ को बढ़ावा देने के आरोप लगाए थे। कंपनी के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर तीव्र बहस शुरू हो गई।
वहीं, इसी बीच अब पूरे मामले पर टाटा समूह के मशहूर जूलरी ब्रैंड तनिष्क की सफाई भी आई है।

तनिष्क

कंपनी के प्रवक्ता ने ‘एकत्वम’ धारणा को पेश करते हुए सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि इस एड फिल्म का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बिल्कुल नहीं था, इसीलिए इसे अब वापस ले लिया गया है। तनिष्क ने अपने आभूषण संग्रह ‘एकत्वम’ को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन पिछले सप्ताह जारी किया था और तभी से इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। जब से ये विज्ञापन आया, तभी से सोशल मीडिया यूजर्स कंपनी को लगातार ट्रोल कर रहे हैं और इसे बायकॉट करने की मांग उठा रहे थे। इस विज्ञापन को लेकर ट्विटर पर हैशटैग ‘बायकॉट तनिष्क’ ट्रेंड करने लगा था। जिसके बाद कंपनी ने अपना विज्ञापन वापस ले लिया।

कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा कि उसके एकात्म अभियान के पीछे का विचार इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के लोगों, स्थानीय समुदायों और परिवारों को एक साथ आकर जश्न मनाने के लिए प्रेरित करना था, लेकिन ये विज्ञापन जनमानस को खुशहाल होने का मौका देने के बजाए मूल उद्देश्य से भटक गया। ए़ड फिल्म ने अपने उद्देश्य के विपरीत, लोगों की नाराजगी बढ़ाई जिससे हमें गंभीर प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा।

कंपनी ने बयान में आगे कहा कि, ‘हम जनता की भावनाओं के आहत होने से दुखी हैं। अनजाने में हुई इस गलती के लिए हम गहरा दुख प्रकट करते हैं। और देश की जनता की भावनाओं का आदर करने के साथ हम अपने कर्मचारियों, भागीदारों और स्टोर कर्मचारियों की भलाई को ध्यान में रखते हुए इस विज्ञापन को वापस ले रहे हैं।’

43 सेकंड के विज्ञापन में एक गर्भवती महिला को उसकी ‘गोद भराई’ की रस्म के लिए एक महिला द्वारा ले जाते हुए दिखाया गया था। बाद में लोगों को एहसास हुआ कि जो महिला उसे ले जा रही थी वह उसकी सास थी। विज्ञापन में साड़ी और बिंदी लगाये जवान महिला अधिक आयु वाली महिला को मां कहकर संबोधित करती है, जिसने सलवार कुर्ता पहन रखा है और अपना सिर दुपट्टे से ढंक रखा है। जवान महिला सवाल करती है, ‘‘आप यह रस्म नहीं करतीं?’’ इस पर मां जवाब देती है, ‘‘पुत्रियों को खुश रखने की परंपरा हर घर में होती है।’’ विज्ञापन में संयुक्त परिवार को दिखाया गया है, जिसमें हिजाब पहने एक महिला, साड़ी पहनी महिलाएं और नमाजी टोपी पहने लोग दिखते हैं।

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