केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में वित्त एवं विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर भाजपा के साथ अपने वर्षों के संबंध को तोड़ दिया।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले सिन्हा के तृणमूल में शामिल होने को राजनीति क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सिन्हा के पार्टी में शामिल होने के दौरान राज्य सभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन और राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी एवं सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय मौजूद थे। तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने एक कंधार विमान अपहरण कांड से जुड़ा एक दावा किया। सिन्हा ने कहा कि ममता ने उस दौरान खुद बंधक बनने का प्रस्ताव दिया था। शर्त ये थी कि आतंकवादी सभी बंधकों को छोड़ देंगे।
यशवंत सिन्हा ने कहा, आज मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब इंडियन एयरलाइंस का हवाई जहाज, उसको अगवा कर लिया गया। अपहरण हो गया था और जो आतंकवादी थे, उसको कंधार (अफगानिस्तान) ले गए थे। तो कैबिनेट में एक दिन चर्चा हो रही थी तो ममता बनर्जी जी ने ऑफर किया कि वो स्वयं होस्टेज बनकर जाएंगी वहां पर और शर्त ये होनी चाहिए कि बाकी जो होस्टेज हैं, उनको आतंकवादी छोड़ दें और वो (ममता) उनके कब्जे में चली जाएंगी। जो कुर्बानी देनी पड़ेगी, वो कुबानी देंगी देश के लिए।
#WATCH | TMC Yashwant Sinha says, Mamata Banerjee wanted to offer herself as a hostage in exchange for passengers of the hijacked plane in 'Kandahar incident', for the country. pic.twitter.com/Pf1CBJGLyg
— ANI (@ANI) March 13, 2021
सिन्हा ने वर्ष 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्तमंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी और इसके बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल भी उन्हें इस मंत्रालय का कार्यभार मिला। उन्होंने वाजपेयी सरकार में विदेशमंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई। सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से कई बार सांसद रह चुके हैं। अभी इस सीट से उनके पुत्र जयंत सिन्हा भाजपा के सांसद हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से उनके गंभीर आलोचक रहे हैं। उन्होंने कुछ साल पहले भाजपा छोड़ दी थी और 2020 के विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में एक राजनीतिक मोर्चा शुरू किया था।