केरल लव जिहाद मामला: सुनवाई के दौरान अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का नाम लेने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

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केरल में कथित लव जिहाद मामले में सोमवार (9 अक्टूबर) को सुनवाई के दौरान राजनीतिक रंग देने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई। दरअसल, लव जिहाद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दो वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई।

दरअसल, वकील दुष्यंत दवे ने बीजेपी नेताओं पर केरल में सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा कि वह उन दलीलों को स्वीकार नहीं करेगा जो मामले से नहीं जुड़ी हैं और मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर तक स्थगित कर दी।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले की सुनवाई के दौरान केरल के मुस्लिम युवक शफीन की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के नामों का जिक्र किया और राजनीतिक मंशा होने का दोष लगाया।

दवे ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने केरल में लव जिहाद के बारे में बोला। इस अदालत को जमीनी हकीकत को जानना चाहिए। इसपर कोर्ट ने कहा कि जब तक किसी राजनीतिक शख्सियत का आचरण इस मामले को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करता है, तब तक इसे यहां से दूर रखें। हमें यहां विधि से इतर प्राधिकार को नहीं लाना चाहिए, जो इससे संबंधित नहीं है।

वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तरफ से पेश अतिरिक्त सलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने दवे की दलीलों का जोरदार खंडन किया और कहा कि यह राजनीति है और वरिष्ठ वकील अदालत को धमका रहे हैं, जो अप्रिय और अक्षम्य है। पीठ ने तब दवे से कहा कि इस तरह की दलीलों को अदालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और साफ कर दिया कि वह आज अब इस मामले पर सुनवाई नहीं करेगी।

क्या है पूरा मामला? दरअसल, यह मामला केरल में हिंदू लड़की के धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम युवक से शादी करने का है। केरल हाई कोर्ट ने इस मामले को लव जिहाद मानते हुए शादी अवैध घोषित कर दी थी और लड़की को पिता के पास भेज दिया था। जिसके बाद पति शफीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है और पत्नी अखिला उर्फ हादिया को साथ रखने की इजाजत मांगी है।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। इससे पहले 3 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अगले सुनवाई के दौरान इस सवाल पर विचार करेगा कि क्या हाई कोर्ट रिट अधिकार के तहत विवाह रद्द कर सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर सवालिया लहजे में कहा था कि अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर हाई कोर्ट एक मुस्लिम युवक की उस हिन्दू महिला से शादी को अमान्य घोषित कर सकता है, जिसने निकाह करने से पहले इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था।

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