परिषदीय व अनुदानित स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे का आधार कार्ड जरुरी है। आधार कार्ड नही होने पर 30 जून के बाद उन्हें मिड-डे मील से महरुम होना पड़ सकता है। यही नहीं उन्हें यूनिफार्म, स्कूल बैग जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल सकेंगी।
पीटीआई कि ख़बर के मुताबिक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इकबाल सिंह उत्तर प्रदेश शासन के आदेशों की पुष्टि करते हुए बताते हैं कि परिषदीय व अनुदानित स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे का शासन ने आधार कार्ड जरुरी कर दिया है।
बीएसए के अनुसार, सरकारी आदेशों के अनुपालन में स्कूलों के छात्रों के आधार कार्ड बनवाने शुरु तो किए गए हैं। इसके लिए छुट्टी के दिनों में भी शिक्षकों को स्कूल बुलवाया जा रहा है।
लेकिन संबंधित एजेंसी का सहयोग नही मिलने के कारण आधार कार्ड में बनने में तेजी नही आ पा रही है, फिलहाल मात्र 38 फीसदी ही आधार कार्ड बन सका हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार मेरठ जिले में कुल 1561 स्कूलों में करीब पौने दो लाख छात्र हैं। इनमें से मात्र 34 फीसदी के पास ही आधार कार्ड हैं।
यानी सरकारी फरमान जारी होने के बाद मेरठ में मात्र चार फीसदी छात्रों के ही आधार कार्ड बन सके हैं। विभागीय अफसरों के अनुसार 20 मई से गर्मी के अवकाश के कारण स्कूल बंद हैं। ऐसे में विभाग की परेशानी यह है कि वह सरकारी फरमानों के अनुपालन में बच्चों के आधार कार्ड कैसे बनवाएं।