उत्तर प्रदेश में CAA के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में अब तक 11 लोगों की मौत, मरने वालों में 8 साल का बच्चा भी शामिल

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान शुक्रवार (20 दिसंबर) को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है जिनमें आठ साल का एक बच्चा भी शामिल है।

फोटो: सोशल मीडिया

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि मेरठ जिले में चार लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा वाराणसी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में घायल हुए एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जुमे की नमाज के बाद राज्य में कई स्थानों पर पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प में छह लोगों की मौत हो गई।

जिलों से मिली खबरों के मुताबिक मरने वालों में से कई की मौत गोली लगने से हुई है, मगर पुलिस महानिदेशक ने पुलिस की गोली से किसी की भी मौत होने से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि हिंसा की वारदात में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं।

पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, बहराइच, भदोही, गाजियाबाद और गोरखपुर समेत 12 जिलों में उग्र प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सड़क पर पथराव किया और आगजनी की। इन घटनाओं में कुल 667 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा और आगजनी की घटनाओं में लगभग दो दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त हुए। प्रभावित जिलों से क्षति का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है।

वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना भी साधा है। कांग्रेस ने एक हिंदी ख़बर को शेयर करते हुए लिखा, “मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट के शासन में यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। लोग मर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार के चेहरे पर शिकन तक नहीं है। कानून-व्यवस्था को बहाल करना सरकार की जिम्मेदारी है। हम प्रदेश में शांति की कामना करते हैं।”

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