हमारे देश की सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लाख दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर है। रोज मासूम बच्चियों और महिलाएं से रेप व छेड़छाड़ की कोई न कोई घटनाएं सामने आती ही रहती है, जो चीख-चीखकर बता रही हैं कि देश में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इस बीच, हरियाणा में एक 10 साल की बच्ची से यौन-दुर्व्यवहार किया गया, हैवानों ने उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ख़बरों के मुताबिक, बच्ची का बलात्कार करने वाले 10-12 साल के बच्चे और एक बालिग लड़का है। इस मामले में कुल 7 आरोपी हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के रेवाड़ी में 24 मई को कुछ बच्चे मैदान में खेलते-खेलते पास के स्कूल की बिल्डिंग में चले गए। वहां सात लड़कों ने एक 10 साल की लड़की के साथ गैंगेरेप किया। लेकिन यह घटना एक सप्ताह बाद तब उजागर हुई जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे पीड़ित लड़की के पड़ोसियों ने भी देखा। जिसके बाद उन्होंने लड़की के परिवार को इसकी जानकारी दी, तब बात पुलिस तक पहुंची।
लड़की का परिवार बुधवार (9 जून) को पुलिस के पास पहुंचा और इसकी एफआईआर दर्ज कराई। रेवाड़ी के डीएसपी (हेडक्वॉर्टर) हंसराज ने बताया कि केस महिला पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 376डी, 354सी, 506, पॉक्सो, आईटी ऐक्ट और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज कराया गया है। इन सातों आरोपियों में से महज एक बालिग है और 18 साल का है, बाकी 10 से 12 साल के बीच के हैं।
लड़की के पड़ोसी ने इन आरोपियों की वीडियो के आधार पर पहचान की है। हंसराज ने बताया, ‘जैसे ही मामला हमारे सामने लाया गया हमने आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपी और पीड़िता पड़ोसी ही हैं।’ पुलिस का कहना हे कि लड़की को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया। इसमें लड़की के साथ हुए गैंगरेप की पुष्टि हुई है। हैरानी की बात तो यह है कि 7 आरोपियों में से तीन नाबालिग लड़की के रिश्तेदार हैं।
आरोपियों में से 6 नाबालिगों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश करने के बाद सुधारगृह में भेज दिया गया है। वहीं, 18 साल के आरोपी को कोर्ट के सामने पेश करने के बाद जिला जेल में भेज दिया गया। पुलिस वीडियो में दिखाई देने वाले दूसरे नाबालिगों को तलाश रही है साथ ही वीडियो शेयर करने वालों की डिटेल जुटा रही है। डीएसपी ने बताया कि वीडियो शेयर करने वालों की तलाश की जा रही है क्योंकि ऐसा करना भी अपराध है।
पीड़ित लड़की और आरोपी लड़कों के परिवार एक दूसरे को जानते हैं और एक साथ रेवाड़ी के एक गांव में रहते हैं। जहां बच्चे खेल रहे थे वहां पास ही एक स्कूल की इमारत है। कोरोना महामारी की वजह से वहां क्लास नहीं चल रही थीं इसलिए वह खाली थी।
पुलिस ने बताया कि इन बच्चों में से इस अपराध के बारे में कोई चर्चा नहीं की। न ही पीड़िता ने अपने परिवार को इन सबके बारे में बताया। आरोपी सामान्य दिनों की तरह अपने काम करते रहे, उनकी हिम्मत तो इतनी बढ़ गई कि उन्होंने यह वीडियो भी शेयर कर दिया। जब 8 जून को लड़की के पड़ोसी ने यह वीडियो देखा तो उसने उसके परिवार को सूचित किया।