पश्चिम बंगाल: धरने पर बैठे BJP के 300 कार्यकर्ता TMC में लौटे, गंगाजल छिड़क कर किया गया ‘शुद्धिकरण’

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले कुछ नेता सत्तारूढ़ दल की शानदार जीत के बाद अब ममता बनर्जी नीत दल में शामिल होने के प्रयास कर रहे हैं।तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के बाद भाजपा के खेमे में खलबली मची हुई है, जो रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। मुकुल रॉय की घर वापसी के बाद न सिर्फ कई नेता कतार में हैं, बल्कि अब ग्राउंड लेवल के भाजपा कार्यकर्ता भी टीएमसी में लौटने लगे हैं। बंगाल के बीरभूम जिले एक साथ 300 भाजपा कार्यकर्ता शुक्रवार को टीएमसी में वापस लौटे।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस कार्यालय के सामने करीब 300 भाजपा समर्थक भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि उन्हें टीएमसी में वापस लिया जाए। आखिरकार उनके ऊपर गंगाजल छिड़ककर उन्हें वापस बुलाया गया। टीएमसी नेताओं ने कहा कि गंगाजल छिड़कने के पीछे वजह उनके दूषित हो चुके दिमाग को साफ करना था।

धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों में से एक कार्यकर्ता अशोक मंडल ने कहा, “हम चाहते हैं है कि हमें टीएमसी में वापस लिया जाए। भाजपा में शामिल होकर हमने अपने गांव के विकास को रोक दिया है। भाजपा की ओर से लगातार विरोध प्रदर्शन के चलते फायदे से ज्यादा नुकसान हुआ है। हम अपनी मर्जी से वापस लौटना चाहते हैं। जब तक हमें वापस नहीं लिया जाता, हम हड़ताल जारी रखेंगे।”

भाजपा कार्यकर्ताओं का यह भूख हड़ताल सुबह 8 बजे शुरू हुआ और यह तीन घंटे तक 11 बजे तक चला। इन्हें टीएमसी में शामिल कराने के वक्त गंगाजल से शुद्ध किया गया।

इन कार्यकर्ताओं को टीएमसी का झंडा सौंपने वाले बानाग्राम के तृणमूल पंचायत प्रधान तुषार कांति मंडल ने कहा, “ये लोग पिछले कुछ दिनों से हमारी पार्टी में शामिल होने का अनुरोध कर रहे थे। आज वे पार्टी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और वापस लेने की अपील की।मैंने अपने नेताओं से बात की थी और उन्हें फिर से अपनी पार्टी में शामिल कराया।”

गंगाजल के छिड़काव के बारे में मंडल ने कहा, “भाजपा एक सांप्रदायिक पार्टी है। उन्होंने अपने जहरीले विचारों को इनके दिमाग में डाला है और उनकी मानसिक शांति को खराब कर दिया है। इसलिए उन पर सभी प्रकार की अशांति (बुराइयों) से छुटकारा पाने के लिए शांति जल (पवित्र जल) छिड़का गया। यह उनकी शुद्धि के लिए नहीं था, बल्कि उनके मन की शुद्धि के लिए था जो भाजपा द्वारा प्रदूषित किए गए थे।”

तृणमूल नेता सैंथिया विधायक नीलाबती साहा ने कहा, “मैंने सुना है कि उस गांव में कुछ लोग हमारी पार्टी में शामिल हो गए हैं। लेकिन कार्यक्रम का आयोजन हमारे स्थानीय नेताओं ने किया था।”

एक जिला भाजपा नेता ने नाम न छापने से इनकार करते हुए कहा, “ये सब नाटक हैं। हर जगह, हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक टीएमसी में शामिल होने को मजबूर हैं। इस तरह के नाटक का आयोजन यह दिखाने के लिए किया जाता है कि चुनाव के बाद कोई हिंसा न हो। कुछ इलाकों में स्थिति इतनी खतरनाक है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के पास टीएमसी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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