कर्नाटक में एक के बाद एक कई विधायकों के इस्तीफे करने से संकट में घिरी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार की मुसीबत और भी ज्यादा बढ़ चुकी है। राज्य में गठबंधन सरकार के सहयोगी कांग्रेस के 21 मंत्रियों के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के तुरंत बाद अब जद (एस) के मंत्रियों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं। कर्नाटक मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस की तरह जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है और नए कैबिनेट का जल्द पुनर्गठन होगा।
दरअसल, कर्नाटक में संकट में चल रही जद (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार की हालत सोमवार को तब और ज्यादा नाजुक हो गई, जब लघु उद्योग मंत्री एच. नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने मंत्रीपद छोड़ दिया। कांग्रेस के कुछ देर बाद ही जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर बताया, ‘‘जद (एस) के सभी मंत्रियों ने भी कांग्रेस के 21 मंत्रियों की तरह इस्तीफे दे दिये हैं। मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल होगा।’’ इससे पहले अमेरिका से लौटने के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं के साथ बैठकें की।
All ministers from #JDS have submitted their resignations just like the 21 ministers from #Congress.
Cabinet reshuffle will happen soon.— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) July 8, 2019
बता दें कि सत्तारूढ़ गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफों के बाद कर्नाटक में यह संकट पैदा हो गया है। गठबंधन साथियों के बीच गंभीर मतभेदों के कारण गत सप्ताह कांग्रेस के 10 और जनता दल (सेक्युलर) के तीन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक मुंबई के एक होटल में रह रहे हैं। इन विधायकों के इस्तीफे से कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल गहरा गए हैं।
कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
इससे पहले कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार को बचाने के प्रयास के तहत सोमवार को कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस नेताओं ने ऐसा करके पार्टी हाईकमान को मंत्रिमंडल को परिवर्तन करने की खुली छूट दे दी है। कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी के सी वेणुगोपाल के नेतृत्व में कांग्रेस और जद (एस) नेताओं के बीच देर रात तक चली बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल थे।
गठबंधन सरकार से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के 21 मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वरा भी शामिल हैं। सभी ने कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव को अपने त्यागपत्र सौंप दिए। सिद्धारमैया ने पत्रकारों से कहा कि एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कैबिनेट का दोबारा गठन होगा जिसमें सामाजिक न्याय और असंतुष्ट विधायकों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस्तीफा देने वाले सभी 10 विधायकों के संपर्क में बने हुए हैं।’’
समाचार एजेंसी यूएनआई के मुताबिक, सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भाजपा के न केवल राज्य स्तर के नेता बल्कि केन्द्र में अमित शाह और नरेन्द्र मोदी ने भी ऐसा किया है, और वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।’’ सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में हाल में हुए राजनीतिक घटनाक्रम से यह पता चलता है कि भाजपा न तो लोकतंत्र और न ही विधानमंडल का सम्मान करती है।
उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक 104 सीटें जरूर मिली थीं, लेकिन वह 113 के बहुमत के आंकड़ें को नहीं छू पाई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को गिराने की अपनी किसी कोशिश में सफल नहीं होगी और यह अधिक मजबूत होगी। सिद्धारमैया ने कहा कि कुछ विधायक असंतुष्ट थे लेकिन प्रत्येक किसी को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सकता।
Karnataka Congress Legislature Party leader Siddaramaiah corrects himself; says, "21 Karnataka Congress ministers have resigned voluntarily" https://t.co/vXrXlaWU51
— ANI (@ANI) July 8, 2019
वहीं, कर्नाटक संकट के मुद्दे सोमवार को लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी को इस मामले के लिए जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। सिंह ने कहा कि कर्नाटक में आज जो कुछ हो रहा उससे भाजपा का कोई संबंध नहीं है, हमने कभी भी इस तरह से किसी पर दवाब बनाया।
Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: Our party has nothing to do with what is happening in Karnataka. Our party has never indulged in horse trading. pic.twitter.com/EqdWlBnXi1
— ANI (@ANI) July 8, 2019