कोरोना लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सात लोगों ने 18 वर्षीय एक किशोरी के भाई को कुंए में फेंकने के बाद लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन नाबालिगों सहित पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, जबकि दो अभी भी फरार हैं।
बैतूल जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित पाढर थाना क्षेत्र में किशोरी अपने भाई के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने गांव लौट रही थी, तभी आरोपियों ने पीड़िता के भाई की पिटाई की और उसे कुंए में फेंक दिया। हालांकि, वह किसी तरह कुएं से बाहर आ गया और अपनी जान बचाने में सफल रहा।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी राजेंद्र धुर्वे ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के अनुसार बुधवार रात करीब सवा आठ बजे सातों आरोपियों ने उसका सामूहिक बलात्कार किया। उन्होंने कहा कि पीड़िता का भाई जैसे-तैसे कुएं से बाहर निकलकर गांव पहुंचा। भाई ने इस घटना के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी, जिसके बाद पीड़िता ग्रामीणों के साथ कोतवाली पहुंची और नामजद शिकायत दर्ज कराई।
धुर्वे ने बताया कि मामले के सात आरोपियों में से पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए इन आरोपियों में तीन नाबालिग हैं। दो आरोपी अभी फरार है जिनकी तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376, 365, 307 के अलावा एससी-एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
बता दें कि, यह घटना ऐसे समय में हुई है जब घातक कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन चल रहा है और लोगों की आवाजाही या सभा पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इस घटना के बाद से लोग प्रशासन और सरकार पर भी लगातार सवाल उठा रहे हैं।