मुकेश अंबानी के टीवी एंकर अमन चोपड़ा पर राजस्थान पुलिस द्वारा फर्जी खबरों को बढ़ावा देकर धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए देशद्रोह सहित गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है और इस एंकर का गिरफ्तार होना तै माना जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चोपड़ा के खिलाफ राजस्थान के बूंदी और डूंगरपुर जिलों में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। एंकर पर धारा 153 (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव ख़राब करने के लिए हानिकारक कार्य करना), 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा की जगह को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा), 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा), 124 ए (देशद्रोह) और 67 (भुगतान न करने पर कारावास और जुर्माना ) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अपने विवादित एंकरिंग के लिए बदनाम अमन चोपड़ा कल पूरे दिन ट्विटर पर ट्रेंड करते नज़र आये क्यूंकि सोशल मीडिया यूज़र्स ने हैशटैग #ArrestAmanChopra ट्रेंड करा दिया था।
वजह थी चोपड़ा द्वारा एक बार फिर फर्जी खबर फैलाते हुए पकड़ा जाना। इस मर्तबा चोपड़ा को राजस्थान के अलवर जिले में एक 300 साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने पर ग़लत दवा करते हुए पाया गया था। सोशल मीडिया यूज़र्स का गुस्सा ट्विटर पर फूटा और उन्होंने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समाज में नफरत फैलाने के उद्देश्य से मुकेश अंबानी के टीवी चैनल का उपयोग करने के लिए अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने की मांग की।
क्या है पूरा मामला
दरअसल अलवर जिले में भाजपा द्वारा संचालित निकाय के इशारे पर एक 300 साल पुराने मंदिर को गिराया गया था। इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चोपड़ा ने मुकेश अम्बानी के टीवी चैनल पर कहा कि यह कदम दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक मस्जिद के आंशिक विध्वंस का बदला लेने के लिए उठाया गया था । उसने अपने टीवी चैनल पर कहा, “जहांगीरपुरी का बदला महादेव पर हमला।” कृपया मेरी बात ध्यान से सुनियेगा, जो मैं कहने जा रहा हूं। ”
चोपड़ा ने फेक न्यूज़ पर आधारित अपनी हेट स्पीच को जारी रखते हुए अलवर में मंदिर के विध्वंस को दिल्ली के जहांगीरपुरी के घटनाक्रम से जोड़ने की ज़बरदस्त कोशिश की। उसने आगे कहा,कहा, “क्या यह इतना बड़ा संयोग है? दो दिन पहले जहांगीरपुरी में एक मस्जिद के गेट पर बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया था और आज राजस्थान के अलवर में तीन मंदिरों को तोड़ा गया। एक मंदिर 300 साल पुराना था। क्या यह जहांगीरपुरी का बदला है क्या? ”
चोपड़ा ने अपनी हेट स्पीच के माध्यम से दिल्ली में भाजपा शासित नगर निगम द्वारा मुस्लिम घरों, दुकानों और मस्जिदों के विध्वंस अभियान को अलवर में मंदिर गिराए जाने के साथ जोड़ने का प्रयास किया। ऐसा लगता है कि उसने जानबूझकर इस तथ्य को नजरअंदाज किया कि अलवर में भाजपा द्वारा संचालित नगरपालिका के आदेश पर मंदिर को गिराया गया था।
राजस्थान शहरी विकास और आवास विभाग मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, “यह उनका (नगर परिषद का) निर्णय था। राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कभी भी सरकार से कोई निर्देश नहीं मांगा और उन्हें कभी हमसे कोई निर्देश नहीं मिला।” एनडीटीवी का कहना है।
चोपड़ा ने ‘अलवर का औरंगजेब कौन है’ पूछकर मंदिर के विध्वंस के लिए मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराने और उनके खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का एक खतरनाक प्रयास किया।