उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक नकली आईपीएस ऑफिसर को गिरफ्तार किया गया है। जब उसने खुद को एक आईपीएस अधिकारी के रूप में पेश किया, तो किसी को भी उस पर संदेह नहीं हुआ।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार शाम को जब प्रतीक कुमार मिश्रा को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोमती नगर से गिरफ्तार किया गया तो पता चला कि वह लंबे समय से नगर निगम और पुलिस विभाग आदि में नौकरी दिलाने का रैकेट चला रहा था।
उसे गिरफ्तार करने वाली स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, एक फर्जी आईपीएस आईडी कार्ड, कांस्टेबल पद के लिए नियुक्ति पत्र और उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं।
#लखनऊ में एक नकली आईपीएस ऑफिसर को गिरफ्तार किया गया है। जब उसने खुद को एक आईपीएस अधिकारी के रूप में पेश किया, तो किसी को भी उस पर संदेह नहीं हुआ।@Uppolice pic.twitter.com/wYdFrkfAng
— IANS Hindi (@IANSKhabar) April 7, 2022
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि मिश्रा ने नौकरी चाहने वालों को फंसाने के लिए वॉयस चेंजिंग सॉफ्टवेयर या वॉयस-ओवर-इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया।
सिंह ने कहा कि प्रतीक ने पहली कोरोना लहर के दौरान कई लोगों को 1 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसके कुकृत्यों का पता लगाने के लिए मामले की और जांच की जा रही है।
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