पुणे से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक मुस्लिम पदाधिकारी ने पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे की उस चेतावनी के बाद पार्टी छोड़ दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से अजान का विरोध हनुमान चालीसा बजाकर किया जाएगा।

बता दें कि, ठाकरे ने मुंबई में गुड़़ी पड़वा के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य सरकार से कहा था कि वह मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद कराए।
ठाकरे के इस बयान के बाद शाखा अध्यक्ष माजिद शेख ने एक मराठी चैनल से सोमवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) में सांप्रदायिकता के घुस आने के चलते इस्तीफा दे दिया है। शेख ने कहा कि राज ठाकरे राज्य के विकास के बारे में बातें किया करते थे, लेकिन अब वह अपनी राजनीति के लिए जाति और धर्म का समर्थन ले रहे हैं।
इस बीच, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को कहा कि विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ पुलिस निश्चित रूप से कार्रवाई करने के बारे में सोचेगी। उनका यह बयान मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की राज ठाकरे की मांग के संदर्भ में आया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपना धर्म मानने और उसका प्रचार-प्रसार करने का अधिकार है।
पाटिल ने पुणे के शिरूर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘सबको अपने धर्म को मानने और उसका प्रसार करने का अधिकार है। लेकिन आज समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए जिस तरह का बयान दिया जा रहा है, पुलिस विभाग के अधिकारी निश्चित रूप से इस मुद्दे के बारे में सोचेंगे।’
पाटिल ने किसी का भी नाम नहीं लिया और यह बयान पत्रकारों के उस सवाल के जवाब में दिया कि क्या गृह विभाग सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
वहीं, राज्य के मंत्री नितिन राउत ने एक कार्यक्रम में कहा कि राज ठाकरे इस तरह के बयानों से ‘गिरगिट’ की तरह अपना रंग बदल रहे हैं।
बता दें कि, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने की मांग की थी और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया तो मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाया जाएगा। (इंपुट: भाषा के साथ)
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