झारखंड में मॉब लिंचिंग: लकड़ी चोरी के आरोप में भीड़ ने युवक को पत्थर और लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला, शव जलाया; सीएम हेमंत सोरेन ने दिए जांच के निर्देश

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कोरोना महामारी के बीच भी देश में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं, जिसका ताजा मामला एक बार फिर से देखने को मिला है। झारखंड में सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बेसराजरा बाजार के समीप मंगलवार को भीड़ द्वारा गांव के ही संजू प्रधान नामक व्यक्ति की पत्थर और लाठियों से पीटकर हत्या करने के बाद शव को आग के हवाले करने का मामला सामने आया। मामले की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री ने जांच कर कानून के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

झारखंड

सिमडेगा में घटना स्थल पर पहुंचे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) डेविड ए डोडराय ने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ ने लकड़ी तस्करी का आरोप लगाकर संजू प्रधान नामक एक व्यक्ति पर पहले पत्थरों से हमला किया और फिर लाठियों से पीटाई की और इसके बाद आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि यह भीड़ हिंसा जैसी घटना है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने भारी मशक्कत के बाद मृतक के अधजले शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। डोडराय ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप था कि संजू वन क्षेत्र से लकड़ी की तस्करी करता था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के समय मौके पर करीब एक हजार लोगों की भीड़ थी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ पहले संजू को घर से बुलाकर ले गई जिसके बाद उसपर पत्थर और लाठी से हमला किया और फिर लकड़ी की ढेर में आग लगा कर उसे जला दिया। उन्होंने बताया कि 32 वर्षीय संजू घटनास्थल से महज 100 मीटर दूर बेसराजरा में ही घर बनाकर रह रहा था, वह मूलरूप से बंबलकेरा पंचायत के छपरीडीपा का रहने वाला था।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी ग्राम प्रधान सुबन बूढ़ ने बताया कि संजू ने पारंपरिक खूंटकटी नियम का उल्लंघन करते हुए पेड़ों की कटाई की थी, इस संबन्ध में वन विभाग को भी सूचित किया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि संजू नहीं माना और उसने पुनः पेड़ों की कटाई की, इसी मामले को लेकर गांव में बैठक की गई और संजू को मौके पर बुलाया गया। ग्राम प्रधान द्वारा पूछे जाने पर भी संजू ने पेड़ काटने के आरोप से इंकार किया और लेकिन गुस्साई भीड़ ने संजू के साथ मारपीट करते हुए उसे जला दिया।

घटना के समय संजू की पत्नी और अन्य परिजन भी वहां से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर थे और उन्होंने उसे बचाने की कोशिश भी की थी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों ने रोक दिया और मृतक के शव को बरामद नहीं करने दिया। हालांकि, बाद में कोलेबिरा के साथ-साथ ठेठईटांगरर और बानो थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाया जिसके उपरांत अग्निशमन विभाग ने आग बुझाई और अधजली लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजी गयी।

पुलिस ने बताया कि गांव में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। घटना की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट पर सिमडेगा के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं राज्य पुलिस को निर्देश दिया, ‘‘कृपया उक्त मामले की जांच कर कानून-सम्मत कार्रवाई करते हुए सूचित करें।’’

मुख्य विपक्षी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने घटना की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है और कहा, ‘‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन वास्तव में झारखंड में जमीन पर कानून का शासन है ही नहीं।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)

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