“अपने ही लोग अपनों से बैर विरोध करें तो बहुत आश्चर्य होता है”: दरगाह पिरान कलियर मामले पर तमाम विरोधों के बीच बाबा रामदेव ने तोड़ी चुप्पी

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पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के संस्थापक और योग गुरू बाबा रामदेव ने दरगाह पिरान कलियर मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सफाई दी है। रामदेव ने सोशल मीडिया के जरिए आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग ईर्ष्या व षडयंत्रपूर्वक मुझे बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, लेकिन अपने ही लोग अपनों से बैर विरोध करें तो बहुत आश्चर्य होता है।

रामदेव

दैनिका जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, रामदेव बीते शुक्रवार की शाम को दरगाह पिरान कलियर पहुंचे थे। यहां पर पहुंचकर उन्होंने चादरपोशी की और दुआ मांगी। इस दौरान किसी को भी दरगाह के अंदर नहीं जाने दिया गया। यहां तक की उनकी सुरक्षा के लगे कर्मचारियों ने मीडियाकर्मियों को भी अंदर जाने नहीं दिया। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि, हाल ही में दिल्ली से वापस उत्तराखंड लौटते समय रामदेव दरगाह पिरान कलियर गए थे।

रामदेव के दरगाह पिरान कलियर जाने की ख़बर को लेकर हरिद्वार के संत समाज में रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं, आक्रोशित संतों ने बाबा रामदेव को आर्य समाज से बहिष्कार करने की बात तक कह डाली है। संतों का कहना है कि उनका दरगाह पर इस तरह जाना हिन्दू धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ है।

तमाम विरोधों के बीच रामदेव ने गुरुवार को इस मामले पर अपनी चुप्पी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं जन्म से ही पाखंड व अंधविश्वास का घोर विरोधी हूं, वेदधर्म व ऋषिधर्म के अनुरूप आचरण करना ही अपना संन्यासधर्म व सनातनधर्म मानता हूं। मुझसे प्रेम करने वाले कर्नाटक के दो सज्जन पिरान कलियर गए थे। कुछ लोग ईर्ष्या व षडयंत्रपूर्वक मुझे बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।”

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा, “हिंदू विरोधी लोग दुष्प्रचार व षड्यंत्र करें, यह तो समझ में आता है। लेकिन अपने ही लोग अपनों से बैर विरोध करें तो बहुत आश्चर्य होता है। ईश्वर हम ऋषियों की संतानों को संगठित रहने व प्रीतिपूर्वक जीने का आशीर्वाद दें।”

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