देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिमों के खिलाफ लगाए गए भड़काऊ नारेबाजी मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि, कानून के मुताबिक मामले में कार्रवाई की जाएंगी। बता दें कि, जंतर-मंतर पर रविवार (8 अगस्त) आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी और उनके खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने वाले भड़काऊ नारे लगाए गए थे।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने मुस्लिम विरोधी और भड़काऊ नारेबाजी मामले में अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों का गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह और दीपक को हिरासत में लिया है।
बता दें कि, इससे पहले दिल्ली पुलिस ने दो-टूक कहा था कि किसी भी तरह के सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून के मुताबिक मामले में कार्रवाई होगी।
All six people- Ashwani Upadhyay, Vinod Sharma, Deepak Singh, Vinit Kranti, Preet Singh, Deepak have been detained: Delhi Police
— ANI (@ANI) August 10, 2021
गौरतलब है कि, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे है, जिसमें जंतर-मंतर पर एक प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग मुस्लिम विरोधी नारेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान लोगों ने बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ नारेबाजी की।दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में मामला दर्ज किया।
पुलिस का कहना है कि जंतर-मंतर पर रविवार को ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ नामक संगठन द्वारा आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे और यह कथित नारेबाजी उसी कार्यक्रम से संबंधित है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जिस कार्यक्रम में ये नारे लगाए गए, उसके आयोजन की दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी।
ऐसे में लोग सवाल उठा रहे है कि अगर इजाजत नहीं थी तो फिर प्रदर्शनकारियों ने जंतर-मंतर के पास संसद मार्ग पर मंच कैसे लगा लिया। इतनी बड़ी तादाद में लोग कैसे इकट्ठा हो गए और मंच से माइक पर भाषणबाजी और बयानबाजी कैसे होती रही? अगर इजाजत नहीं थी, तो पुलिस ने तुरंत इस मजमे पर रोक क्यों नहीं लगाई?
वहीं, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम में पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी किए जाने के मामले में सोमवार को पुलिस को नोटिस जारी कर कहा कि इस घटना को लेकर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के निर्देश पर इस संस्था ने नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी किया और कहा कि वह मंगलवार को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर इस मामले का ब्योरा और की गई कार्रवाई की जानकारी दें।