मुस्लिम विरोधी सांप्रदायिक ट्वीट के लिए ABP की एंकर चित्रा त्रिपाठी को होना पड़ा ट्रोल

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्थित जैनपुर गांव में हाल ही में ग्रामीणों ने सांप्रदायिक सौहार्द की अदभूत मिसाल कायम कर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। दरअसल, बीते शनिवार (1 दिसंबर) को बुलंदशहर में तीन दिवसीय विशेष धार्मिक सम्मेलन ‘इज्तेमा’ में भाग लेने आ रहे मुस्लिम समुदाय के लोग अचानक जाम में फंस गए, जिसके बाद जैनपुर के ग्रामीणों ने प्राचीन शिव मंदिर परिसर में जोहर (दोपहर) की नमाज अदा कराने व्यवस्था कराई। नमाज के दौरान कोई परेशानी न हो, इसके लिए उनका पूरा ख्याल रखा गया।

फोटो: चित्रा के फेसबुक वॉल से

नमाज के बाद सभी हिंदू समुदाय द्वारा मुस्लिम भाईयों को जलपान कराकर उन्हें इज्तेमा के लिए खुशी-खुशी रवाना किया गया। हिंदु समुदाय के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को दोपहर की नमाज पढ़ने के लिए शिव मंदिर में न सिर्फ जगह दिया बल्कि इसके लिए पूरे इंतजाम भी किए गए। मंदिर में नमाज पढ़ने करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।

वायरल हो रही तस्वीरें रविवार की हैं और सोशल मीडिया पर लोग इन्हें सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बता रहे हैं। इस बीच एबीपी न्‍यूज की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने एक ट्वीट कर ऐसा सवाल उठाया कि सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। दरअसल, मुस्लिम विरोधी सांप्रदायिक ट्वीट के लिए चित्रा त्रिपाठी को सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा है। उन्होंने ट्वीट कर सवाल पूछा है, “कोई मस्जिद कभी पूजा-अर्चना के लिये खोली गई है क्या?”

चित्रा त्रिपाठी को यह सवाल पूछना भारी पड़ गया। उनके ट्वीट के कुछ देर बाद ही लोगों ने उन्हें कई ऐसे उदाहरण दिए जहां हिंदू समुदाय के लोगों को पूजा-अर्चना करने के लिए मस्जिद को खोल दिया गया था। लोगों उन्हें याद दिलाया कि केरल में भी मस्जिदों को हिन्दुओ के लिए खोल दिया था, जिसके आपको भूलना नहीं चाहिए।

लोगों ने चित्रा को करीब दर्जनों उदाहरण देकर सांप्रदायिकता न फैलाने की नसीहत दी है। इस मामले में प्रतिक्रिया लेने के लिए हमने चित्रा त्रिपाठी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। जैसे ही उनकी प्रतिक्रिया सामने आएगी इस खबर अपडेट कर दिया जाएगा।

देखिए, लोगों की प्रतिक्रियाएं:-

दरअसल, शनिवार (1 दिसंबर) को बुलंदशहर में ‘इज्तेमा’ शुरू हुआ था। इसमें शामिल होने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग काफी दूर-दूर से आ रहे हैं। लोग सार्वजनिक साधनों के साथ-साथ अपने निजी वाहनों में भी सवार होकर यहां पहुंच रहे थे। इसी दौरान जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग जैनपुर गांव के समीप पहुंचे तो उस समय जौहर यानी दोपहर की नमाज का समय होने लगा था।

लेकिन ‘इज्तेमा’ की वजह से काफी लंबा जाम लगा हुआ था। वक्त को ध्यान में रख मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू समुदाय के कुछ स्थानीय लोगों से वहां नमाज पढ़ने देने की गुजारिश की। इनके आग्रह के बाद गांव के प्रधान ने नमाज के लिए मंदिर परिसर का दरवाजा खोलने और परिसर का इस्तेमाल करने की इजाजत दी। साथ ही इस बात का भी पूरा ख्याल रखा गया कि किसी नमाजी को कोई परेशानी न हो।

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