उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्थित जैनपुर गांव में हाल ही में ग्रामीणों ने सांप्रदायिक सौहार्द की अदभूत मिसाल कायम कर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। दरअसल, बीते शनिवार (1 दिसंबर) को बुलंदशहर में तीन दिवसीय विशेष धार्मिक सम्मेलन ‘इज्तेमा’ में भाग लेने आ रहे मुस्लिम समुदाय के लोग अचानक जाम में फंस गए, जिसके बाद जैनपुर के ग्रामीणों ने प्राचीन शिव मंदिर परिसर में जोहर (दोपहर) की नमाज अदा कराने व्यवस्था कराई। नमाज के दौरान कोई परेशानी न हो, इसके लिए उनका पूरा ख्याल रखा गया।
नमाज के बाद सभी हिंदू समुदाय द्वारा मुस्लिम भाईयों को जलपान कराकर उन्हें इज्तेमा के लिए खुशी-खुशी रवाना किया गया। हिंदु समुदाय के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को दोपहर की नमाज पढ़ने के लिए शिव मंदिर में न सिर्फ जगह दिया बल्कि इसके लिए पूरे इंतजाम भी किए गए। मंदिर में नमाज पढ़ने करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
वायरल हो रही तस्वीरें रविवार की हैं और सोशल मीडिया पर लोग इन्हें सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बता रहे हैं। इस बीच एबीपी न्यूज की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने एक ट्वीट कर ऐसा सवाल उठाया कि सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। दरअसल, मुस्लिम विरोधी सांप्रदायिक ट्वीट के लिए चित्रा त्रिपाठी को सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा है। उन्होंने ट्वीट कर सवाल पूछा है, “कोई मस्जिद कभी पूजा-अर्चना के लिये खोली गई है क्या?”
कोई मस्जिद कभी पूजा-अर्चना के लिये खोली गई है क्या?
— Chitra Tripathi (@chitraaum) December 3, 2018
चित्रा त्रिपाठी को यह सवाल पूछना भारी पड़ गया। उनके ट्वीट के कुछ देर बाद ही लोगों ने उन्हें कई ऐसे उदाहरण दिए जहां हिंदू समुदाय के लोगों को पूजा-अर्चना करने के लिए मस्जिद को खोल दिया गया था। लोगों उन्हें याद दिलाया कि केरल में भी मस्जिदों को हिन्दुओ के लिए खोल दिया था, जिसके आपको भूलना नहीं चाहिए।
लोगों ने चित्रा को करीब दर्जनों उदाहरण देकर सांप्रदायिकता न फैलाने की नसीहत दी है। इस मामले में प्रतिक्रिया लेने के लिए हमने चित्रा त्रिपाठी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। जैसे ही उनकी प्रतिक्रिया सामने आएगी इस खबर अपडेट कर दिया जाएगा।
देखिए, लोगों की प्रतिक्रियाएं:-
There are many cases. Maybe you are ignorant or maybe it might hurt ur agenda https://t.co/0ha06pyJD2
— Joy (@Joydas) December 3, 2018
Here is some more examples https://t.co/boUUV4YIUP
— Joy (@Joydas) December 3, 2018
केरला में जो मस्जिदों को हिन्दूओ के लिए खोल दिया था वह भूल गयीं हो आप नेशनल पत्रकार हैं यह कट्टरता पत्रकार के मुंह से तभी निकलती है तब दलाली में लीन हो
— Asma Parveen (@Asmaparveen77) December 3, 2018
एक पत्रकार के प्रति जो इज्जत थी आपकी आपने आज वो खत्म कर ली, आज आप भी देश में नफरत फैलाने वालों के साथ खड़ी नज़र आ रही हैं
उज्जैन में हुए सिंहस्थ कुंभ के दौरान हिन्दू भाइयों के लिए मस्जिदें खोली गई थी
अगर सहमत है तो RT करेंhttps://t.co/Fjd388wDLh— Asad Uddin Kurwai (@AsadKurwai) December 4, 2018
आंटी लोग अगर आपको सच बताए तो आप गालियां देंगे। चलो कोई नहीं ऊपर वाला देख रहा है। फिलहाल आपके लिए एक उदाहरण:https://t.co/TKpgfyUtmT
— Rajat Upreti (@rajatupreti_) December 3, 2018
ये है जहरीली #नागिन काम है देश में सामाजिक जहर/नफरत फैलाना @abpnewshindi @chitraaum @bainjal @pbhushan1 @thewire_in @RifatJawaid @JantaKaReporter @ShayarImran @ArvindKejriwal @BDUTT @ppbajpai @Nidhi @_sabanaqvi @NaliniSingh_ @FoxNews @sardesairajdeep @fayedsouza @SirRavishKumar_ https://t.co/7eQOH7sIno
— Rakesh Kumar Mundtod (@rakesh_mundtod) December 4, 2018
कावड़ियों के लिए पूरी मुस्लिम कम्युनिटी ने रॉफ्ज़ा ओर पानी का वितरण किया था. दिवाली पर मिठाई भेजते है हिन्दू भाइयो के साथ दशेहरा देखने जाते है ओर कभी हिन्दू भाइयो को हमसे जो मदद चाहिए हम तैयार है. यह सिर्फ कुछ लोग अपनी राजनीती करने के लिए ऐसे मुद्दे उठाये जाते है
— Hamza Choudhary (@HamzaCh77565183) December 4, 2018
दरअसल, शनिवार (1 दिसंबर) को बुलंदशहर में ‘इज्तेमा’ शुरू हुआ था। इसमें शामिल होने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग काफी दूर-दूर से आ रहे हैं। लोग सार्वजनिक साधनों के साथ-साथ अपने निजी वाहनों में भी सवार होकर यहां पहुंच रहे थे। इसी दौरान जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग जैनपुर गांव के समीप पहुंचे तो उस समय जौहर यानी दोपहर की नमाज का समय होने लगा था।
लेकिन ‘इज्तेमा’ की वजह से काफी लंबा जाम लगा हुआ था। वक्त को ध्यान में रख मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू समुदाय के कुछ स्थानीय लोगों से वहां नमाज पढ़ने देने की गुजारिश की। इनके आग्रह के बाद गांव के प्रधान ने नमाज के लिए मंदिर परिसर का दरवाजा खोलने और परिसर का इस्तेमाल करने की इजाजत दी। साथ ही इस बात का भी पूरा ख्याल रखा गया कि किसी नमाजी को कोई परेशानी न हो।