देश की राजधानी दिल्ली के अतिसुरक्षित तिहाड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अंकित गुर्जर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया गया कि बुधवार सुबह तिहाड़ जेल की बैरक नंबर तीन मे वह मृत पाया गया। हालांकि, अंकित गुर्जर के परिवार वालों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। वहीं, तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि उसकी मौत की जांच और घटना के पीछे के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार सुबह करीब 9:15 बजे तिहाड़ के एक कैदी अंकित गुज्जर, निवासी बागपत (यूपी) की मौत के बारे में कॉल मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो 29 साल के अंकित को तिहाड़ के जेल नंबर की डिस्पेंसरी के बेड पर मृत पाया। अंकित के अलावा दो अन्य कैदी गुरप्रीत और गुरजीत घायल हैं। इन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। ख़बर के मुताबिक, अपराधी नरेंद्र मीना और उसके साथियों पर मर्डर का आरोप है।
न्यूज़ 18 हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकित के परिजनों का आरोप है कि जेल अधिकारी मीणा ने कल उसके पास मोबाइल पकड़ा था और इसके बाद दोनों के बीच हाथापाई हुई थी। इसके बाद पुलिस उसे ले गई और उसे जमकर पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं, इन आरोपों को लेकर पुलिस ने कहा है कि कैदियों के बीच हुए झगड़े में उसकी मौत हुई है। दिल्ली पुलिस गैंगस्टर अंकित गुर्जर के शव को दीनदयाल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले गई है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण और सही समय पता चल सकेगा।
हिन्दुस्तान.कॉम की ख़बर के मुताबिक, बताया जाता है कि अंकित गुर्जर आठ हत्या के मामलों में शामिल था। उत्तर प्रदेश पुलिस और दिल्ली पुलिस दोनों ने उस पर इनाम जारी किया था। यूपी पुलिस ने जहां 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी, वहीं दिल्ली पुलिस ने अंकित गुर्जर को पकड़ने के लिए 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी। अंकित को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था।
अंकित को उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2015 में गिरफ्तार किया था, लेकिन वह 2019 में जमानत पर छूट गया था। इसके बाद उसने अपना ऑपरेशन दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत निवासी गैंगस्टर ने कथित तौर पर दिल्ली के एक गैंगस्टर रोहित चौधरी के साथ मिलकर चौधरी गुर्जर गिरोह बनाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि वे दक्षिणी दिल्ली में अपने नेटवर्क का विस्तार करना चाहता था।