भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार (24 जून) को ट्विटर से उस कानूनी नोटिस को सार्वजनिक करने को कहा जो माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट के अनुसार वरुण द्वारा इस प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे उल्लंघनों को लेकर उसे भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भेजा है। वरुण ने एक ईमेल का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए ट्वीट किया कि यह मेल उन्हें ट्विटर से मिला है जिसमें उनके अकाउंट को लेकर भारतीय कानून प्रवर्तन से मिले अनुरोध के बारे में सूचित किया गया है।
फाइल फोटोपीलीभीत से लोकसभा सदस्य वरुण गांधी ने कहा कि उन्होंने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनके ट्वीट में कुछ भी आपत्तिजनक चीजें नहीं थीं और ट्विटर को इस मेल के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यह किस आधार पर भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्विटर भारतीय नागरिकों पर रौब जमा रहा है और उसका एक एजेंडा है।
Twitter advocates for free expression, but fails in deed. I am certain I have violated no law and that no law agency would have found anything offensive in my tweets. @Twitter should clarify their basis for such correspondence. Shocked by their behaviour. pic.twitter.com/0EjZSj2f9e
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 24, 2021
एक अन्य ट्वीट में गांधी ने कहा कि, लंबे समय से ट्विटर हमारे नागरिकों के भिन्न राजनीतिक विचारधाराओं को अपने प्रोपैगैंडा के हिसाब से संचालित करने की कोशिश कर रहा है। यह एक मंच है, इसे ट्रिब्यूनल की तरह व्यवहार करता नहीं दिखना चाहिए। देश के कानून के तहत भारतीयों का उत्पीड़न नहीं हो सकता है।’
सांसद ने यह भी कहा कि उन्होंने सरकार के सूत्रों से पता किया कि क्या किसी जांच एजेंसी ने उनके अकाउंट के खिलाफ ऐसा कोई अनुरोध किया था? सांसद ने दावा किया कि उन्हें पता चला कि किसी सरकारी एजेंसी ने उनके ट्विटर अकाउंट के मद्देनजर कोई अनुरोध नहीं किया था।
I have put out these tweets after enquiring from all possible avenues connected with the Indian law enforcement within the Govt. If @Twitter really has received a complaint regarding my content,let it share the said legal notice & its provenance “in the interest of transparency”.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 24, 2021
भाजपा सांसद द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में ट्विटर द्वारा किया गया ई-मेल देखा जा सकता है। इस में लिखा है, पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहे हैं। हमने रिपोर्ट किए गए कंटेंट के बारे में कोई एक्शन नहीं लिया है। हम अपने यूजर्स की आवाज का सम्मान और बचाव करते हैं। हमारी यह नीति है कि अगर हमें किसी सरकारी एजेंसी से कानूनी अनुरोध मिलता है तो हम यूजर्स को इस बारे में सूचित करते हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)
बता दें कि, पिछले कुछ समय से माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच नए आइटी नियमों समेत कई मुद्दों पर तकरार जारी है।