कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग किए जाने की बात कही है। दिल्ली में सोमवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आयोग के नए अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन करने वाली नियुक्ति समिति की बैठक के दौरान खड़गे ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए नामों के पैनल की सिफारिश किए जाने से संबंधित समिति के फैसले पर अपना विचार रखा था।
फाइल फोटोखड़गे ने अपने पत्र में कहा, ”मैंने आज की बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों से संबंधित कम से कम एक व्यक्ति को नियमों के तहत आयोग का अध्यक्ष या सदस्य नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव किया था।”
कांग्रेस नेता ने प्रस्ताव रखा था कि यदि फिलहाल यह संभव नहीं है तो नियुक्ति समिति की बैठक को एक सप्ताह के लिए टाला जा सकता है और बाद में इन वर्गों के उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित किए जा सकते हैं। खड़गे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि समिति ने उनके एक भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है, ऐसे में वह खुद को इस प्रक्रिया से अलग करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष होंगे। द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा के नाम की सिफारिश की।
ख़बर के मुताबिक, कमेटी ने NHRC के सदस्यों के तौर पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश महेश मित्तल और इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजीव जैन के नाम की भी सिफारिश की है। लेकिन इन सब को दरकिनार कर समिति ने जस्टिस मिश्रा को तरजीह दी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।
चयन पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे।