सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष होंगे। द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा के नाम की सिफारिश की। ख़बर के मुताबिक, इस पद के लिए तीन पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया था।
फाइल फोटोख़बर के मुताबिक, कमेटी ने NHRC के सदस्यों के तौर पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश महेश मित्तल और इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजीव जैन के नाम की भी सिफारिश की है। लेकिन इन सब को दरकिनार कर समिति ने जस्टिस मिश्रा को तरजीह दी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। चयन पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे।
कांग्रेस नेता खड़गे ने सुझाव दिया था कि चूंकि एनएचआरसी में अधिकांश शिकायतें दलित, आदिवासी या अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़ी होती हैं, इसलिए आयोग में इन समुदायों का कम से कम एक प्रतिनिधि होना चाहिए। हालांकि, समिति ने इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया, जिसे लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना विरोध दर्ज कराया।
समिति के अन्य सदस्यों ने कहा कि एनएचआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो इस आधार पर सदस्यों की नियुक्ति करने के लिए कहता हो। इस पर खड़गे ने कहा कि इस आधार पर नियुक्ति करने पर कोई रोक भी नहीं है। फिर उन्होंने सुझाव दिया कि इन समुदायों के और नामों के साथ पैनल एक सप्ताह के भीतर फिर से मिलें।
बता दें कि, एनएचआरसी में अध्यक्ष का पद पिछले पांच महीने से भी अधिक समय से खाली है। जस्टिस एचएल दत्तू पिछले साल दिसंबर महीने में इसके अध्यक्ष पद से रिटायर हो गए थे।