आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक शोएब इकबाल ने शुक्रवार (30 अप्रैल) को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की भयवाह स्थिति को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। पुरानी दिल्ली के मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से छठी बार विधायक चुने गए इकबाल ने कहा कि न तो वह और न ही सरकार कोरोना से प्रभावित लोगों की कोई मदद कर पा रही हैं। उनकी मांग पर आप की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इकबाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘एक विधायक होने के नाते मुझे शर्मिंदगी महसूस होती है क्योंकि मैं किसी के काम नहीं आ पा रहा हूं और हमारी सरकार भी लोगों के साथ खड़ी नहीं हो पा रही है। छह बार का विधायक होने के बावजूद मुझे कोई नहीं सुन रहा है और मैं किसी से संपर्क नहीं कर पा रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के हालात बहुत खराब हैं। मैं दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह करता हूं कि दिल्ली में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरे शहर में लाशें बिछ जाएंगी।’’ आप विधायक ने कहा, ‘‘मुझे रोना आता है। मुझे नींद नहीं आ रही है। लोग परेशान हैं, लोगों को ऑक्सीजन और दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। मैं एक दोस्त की मदद नहीं कर पा रहा हूं जो बिना ऑक्सीजन और दवा के अस्पताल में है।’’
उल्लेखनीय है कि, शोएब इकबाल ने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ आप के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि न तो वह और न ही सरकार कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित लोगों को कोई मदद दे पा रही है।
आम आदमी पार्टी में बग़ावत, विधायक शोएब इक़बाल बोले दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दो, ना अस्पताल में बेड। ना ऑक्सीजन, ना दवाइयाँ, दिल्ली सरकार सिर्फ़ काग़ज़ों पर चल रही है, मुझे आम आदमी पार्टी का विधायक होने पर शर्म आ रही है. pic.twitter.com/mptjrHgXXH
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) April 30, 2021
भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने दिल्ली सरकार पर कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति के मद्देनजर लोगों को असुरक्षित छोड़ने का आरोप लगाते हुए दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की शुक्रवार को मांग की। राज्यसभा सदस्य सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली गंभीर संकट में है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने लोगों को अनिश्चितता, असुरक्षित स्थिति में छोड़ दिया है। राजधानी की स्थिति पूरी दुनिया में एक संदेश देती है। केंद्र को दिल्ली का नियंत्रण सीधे अपने हाथ में लेना चाहिए। स्थिति खराब हो रही है। राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)