हाथरस गैंगरेप मामलाः प्रशासन ने मीडिया को पीड़िता के परिवार से मिलने की अनुमति दी, अधिकारी बोले- परिवार के सदस्यों के फोन लिए जाने और उन्हें घर में कैद करने के आरोप बिल्कुल निराधार

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उत्तर प्रदेश के हाथरस रेप कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हाथरस में गैंगरेप पीड़ित लड़की की मौत के बाद से राजनीति जारी है। वहीं, इस पर राजनेताओं का बयान देने का सिलसिला भी लगातार जारी है। इस बीच, तमाम दबावों के बाद अब प्रशासन ने मीडिया को पीड़ित परिवार से बात करने की इजाजत दे दी है। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल को गांव में प्रवेश की इजाजत नहीं है।

हाथरस
फोटो: ANI

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हाथरस सदर SDM प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि हाथरस कांड के पीड़ितों के गांव में सिर्फ मीडियो को प्रवेश की अनुमति है, प्रतिनिधिमंडल को जाने की अनुमति नहीं है। जब प्रतिनिधिमंडल को अनुमति देने के आदेश आएंगे, तो हम सभी को बताएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि, परिवार के सदस्यों के फोन छीनने या उन्हें अपने घरों में कैद करने के बारे में सभी आरोप बिल्कुल निराधार हैं।

सदर एसडीएम प्रेम प्रकाश ने कहा कि, “गांव में एसआईटी की जांच पूरी हो चुकी है. ऐसे में मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। 5 से अधिक मीडियाकर्मियों को अब इकट्ठा होने की अनुमति है क्योंकि सीआरपीसी की धारा 144 लागू है।”

बता दें कि, हाथरस में एक दलित युवती के साथ 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था, इस दौरान उसे गंभीर चोटें आईं थी। मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था। हालांकि, इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य सरकार ने मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी रामशब्द और तीन अन्य पुलिकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

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